झारखंड हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जमानत सत्य की जीत: झामुमो

रांची, 28 जून (हि.स.)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जमानत सत्य की जीत है। उन्होंने कहा कि 148 दिन के बाद एक बड़ी राहत तब मिली जब झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दी। हम शुरू से इस बात को कह रहे थे और हेमंत सोरेन ने विधानसभा के पटल पर भी यह बात रखी थी।

सुप्रियो ने कहा कि हेमंत ने कहा था कि आठ एकड़ रकबा वाली जमीन की यदि एक छटांक भी हमारे नाम पर होगी तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। इस राज्य से भी बाहर चला जाउंगा। सुप्रियो ने कहा कि हेमंत सोरेन के कठोर प्रण वाली बातों में ईमानदारी और सच्चाई भरी थी। इस जमानत के आदेश से उन पर मुहर लगी है। जो आरोप लगे थे, यह कहीं से भी साबित नहीं हो पाये। भट्टाचार्य शुक्रवार पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

सुप्रियो ने कहा कि जमानत कोई आसान शब्द नहीं है। यह झारखंड के चार करोड़ लोगों के विश्वास की जमानत है। लोकसभा चुनाव के पूर्व एक सुनियोजित साजिश के तहत विरोधी चाहते थे कि एक प्रखर नेता (हेमंत सोरेन) की आवाज को शांत किया जाये। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के प्रखर नेता के पैरों में बेड़ियां लगाने की साजिश रची गयी ताकि चुनाव को प्रभावित किया जा सके। इस काम में प्रवर्तन निदेशालय भाजपा की कठपुतली था, जो उसके इशारों पर काम कर रहा था ताकि चुनाव में एनडीए को बढ़त मिले।

सुप्रियो ने कहा कि आदिवासियों ने दिखा दिया कि झारखंड में आदिवासियों की एक भी सीट भाजपा के खाते में नहीं गयी। यदि चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन बाहर रहते तो आज पूरे देश की राजनीतिक स्थिति कुछ अलग रहती। राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री होते। झारखंड में और नौ सीटें और पूरे देश में कम से कम 30 सीटों का इज़ाफ़ा इंडिया गठबंधन का होता।