भोपाल, 11 जुलाई (हि.स.) । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वन अधिकार पट्टा धारकों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ समुचित रूप से मिले। पट्टा धारकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का अनिवार्यत: लाभ दिया जायें। यह निर्देश राज्यपाल पटेल ने गुरुवार को वन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। राजभवन में आयोजित बैठक में वन, पर्यावरण और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर और अपर मुख्य सचिव वन विभाग अशोक कुमार बर्णवाल मौजूद थे।
राज्यपाल पटेल ने बैठक में वन मित्र पोर्टल की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पोर्टल को आवेदक फ्रेंडली और पात्र हितग्राहियों की सहूलियत का विशेष ध्यान रख जाए। उन्होंने वन अधिकार पट्टा धारकों के लिए खेल मैदान, हाट बाज़ार, मढ़ई-मेले और श्मशान घाट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जनजातीय समुदाय को पीएम जनमन योजना का प्राथमिकता से लाभ दें
राज्यपाल पटेल ने कहा कि जनजाति समुदाय को पीएम जनमन योजना के विभिन्न घटकों को संयोजित कर प्राथमिकता से लाभान्वित करें। उन्होंने बैठक में पीव्हीटीजी वनधन केंद्रों की स्थापना की समीक्षा की। राज्यपाल पटेल ने कहा कि वन अपराध में जनजाति व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों का गंभीरता के आधार पर वर्गीकरण कर त्वरित निराकरण के लिये मानिटरिंग की जाए।
राज्यपाल पटेल ने बैठक में लघु वनोपज संग्रहण अधिकार, वन ग्रामों के राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन, नवीन ग्राम सभाओं के गठन के पश्चात उनके नजरी नक्शे और सीमांकन की स्थिति, तेंदू-पत्ता संग्रहण, गौण वनोपज का संग्रहण एवं प्रबंधन तथा विपणन, वनोपज की खरीदी एवं बिक्री, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय-विक्रय, वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति के गठन, गौण वनोपज के प्रबंधन हेतु सूक्ष्म प्रबंध योजना, खनिज स्वामित्व को लेकर ग्राम सभाओ की स्थिति, आदि के विभिन्न बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा कर निर्देश दिए।
वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि लघु वनोपज संग्रहण की नीतियों में जनजातीय वर्ग के हितों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बैठक में जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण और गौण वनोपज के संग्रहण, प्रबंधन और विपणन में पेसा एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के प्रयासों को और अधिक विस्तारित किया जाए। पेसा प्रावधानों के आधार पर वनोपज संग्रहण, प्रबंधन और विपणन को और अधिक हितग्राही मूलक बनाने के संबंध में चिंतन भी किया जाए।
बैठक में राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेशचंद गुप्ता, सचिव वन असीम श्रीवास्तव, राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और राजभवन जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित रहे।