शिमला में बालिका आश्रम तक पहुंची जंगल की आग, दमकल वाहनों से किया काबू

शिमला, 28 मई (हि.स.)। भीषण गर्मी के बीच राजधानी शिमला के जंगल धधक रहे हैं। शहर के जंगलों से आग की लपटों और धूएं के गुब्बार यहां घूमने आए पर्यटकों को भी डरा रहे है। शहर के जंगलों में बेकाबू हुई आग मंगलवार दोपहर टुटीकंडी बालिका आश्रम तक पहुंच गई। आश्रम के पास जंगल में आग की लपटें उठ रही थीं तो आश्रम का परिसर भी धुएं से भर गए। धुआं और आग की लपटें यहां रह रहे बच्चे सहम गए। आश्रम तक जंगल की आग पहुंचने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और दमकल वाहनों की मदद से आग को बुझाया गया।

उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने टूटीकंडी बालिका आश्रम के समीप जंगल में लगी आग का मौके पर जा कर जायजा लिया। उपायुक्त ने बालिका आश्रम का भी दौरा कर बच्चियों से मुलाक़ात की और उनका कुशल क्षेम जाना। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से आग पर समय रहते काबू पाया गया और किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान को रोका गया।

उपायुक्त ने क्षेत्र के तंग रास्तों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने स्वयं आश्रम पहुँच कर अग्निशमन वाहन के पहुँचने के लिए रास्ता खाली करवाया ताकि समय रहते आग पर काबू पाया जा सके। उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला को डॉक्टर की टीम भेज कर आश्रम में रह रही सभी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, आश्रम के समीप अधिक धुआँ होने की स्थिति में उन्होंने निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग से चर्चा उपरांत बच्चियों को दूसरे स्थान पर भेजने का विकल्प तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि बालिकाओं के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर न पड़े।

उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि आजकल गर्मी के मौसम में जंगल क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही हैं जिससे न केवल वन सम्पदा को नुकसान पहुँच रहा है बल्कि आस पास रह रहे लोगों के घरों और जान-माल को खतरा रहता है। उन्होंने लोगों से अपने वाहनों को तंग रास्तों से दूर और आगजनी संभावित क्षेत्रों से दूर रखने का आग्रह किया ताकि किसी भी प्रकार की आगजनी की घटना को रोका जा सके।

उपायुक्त ने लोगों से जंगल और आस-पास के क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग न करने का भी आग्रह किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आगजनी की घटना होने की स्थिति में मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर आग बुझाने में अग्निशमन तथा वन विभाग के कर्मचारियों का सहयोग करने का आग्रह किया। चीड़ के वृक्ष आग की घटनाओं के लिए अति संवेदनशील है।

उन्होंने आग्रह किया कि जंगल में धुंआ या आग की जानकारी मिलने पर निकटतम वन विभाग कार्यालय या आपातकालीन सेवाओं के टोल-फ्री नंबर-1077 और 1070 पर सूचना अवश्य दें। उन्होंने कहा कि आग लगने का कारण बनने वाली गतिविधियों मुख्यतः वन क्षेत्रों में जलती हुई सिगरेट फेंकना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में कैंप फायर करना या जंगलों के पास आतिशबाजी इत्यादि है जोकि जंगल क्षेत्र में बिल्कुल भी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आमजन को वनों की आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों और अग्निशमन के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने लोगों से अवैध रूप से जंगल में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों के बारे में जानकारी हिमाचल प्रदेश वन विभाग और कानून प्रवर्तन एजेंसी को देने का आह्वान किया।