रात में पैरों में ऐंठन: क्या आपको भी नींद में पैरों में ऐंठन होती है? जानिए इसका कारण और उपचार

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रात में पैरों में ऐंठन एक ऐसी समस्या है जो आपको नींद से जगा देती है। दर्द इतना तीव्र होता है कि पैरों को हिलाना भी मुश्किल हो जाता है। अमेरिकन फैमिली फिजिशियन के अनुसार, यह समस्या 60 प्रतिशत वयस्कों को प्रभावित करती है। इसे “चार्ली हॉर्स” भी कहा जाता है, जो पैर की गैस्ट्रोक्नेमिअस मांसपेशी को प्रभावित करता है।

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रात में पैरों में ऐंठन के कारण

इस समस्या का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ कुछ संभावित कारणों पर चर्चा करते हैं:

निर्जलीकरण

निर्जलीकरण मांसपेशियों के कार्य को प्रभावित कर सकता है। जब पानी उपलब्ध नहीं होता है, तो मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर पाती हैं और ऐंठन हो सकती है।

इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन

पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन भी इस समस्या का कारण बन सकता है। ये तत्व मांसपेशियों के संकुचन और विश्राम को नियंत्रित करते हैं।

मांसपेशियों में थकान

अत्यधिक व्यायाम या मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ने से भी ऐंठन हो सकती है। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से भी यह समस्या हो सकती है।

दवाओं का प्रभाव

कुछ दवाएँ, जैसे कि उच्च रक्तचाप या मूत्रवर्धक, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन पैदा कर सकती हैं। इससे पैरों में ऐंठन का खतरा बढ़ जाता है।

सोने की स्थिति

अपने पैरों को शरीर से दूर रखकर सोने से (प्लांटर फ्लेक्सन) पिंडली की मांसपेशियां छोटी हो जाती हैं, जिससे ऐंठन का खतरा बढ़ जाता है।

पैरों की ऐंठन से राहत पाने के घरेलू उपाय

कुछ सरल उपाय ऐंठन के दौरान और बाद में राहत प्रदान कर सकते हैं:

पैरों की मसाज

प्रभावित मांसपेशी को धीरे से रगड़कर मालिश करें। इससे मांसपेशियों का तनाव कम हो जाता है।

स्ट्रेचिंग व्यायाम

अगर ऐंठन पिंडली में है, तो पैर को सीधा करें और उसे आगे-पीछे मोड़ें। एड़ियों के बल चलने से भी मांसपेशियों को आराम मिलता है।

गर्म सेक

दर्द कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल, तौलिया या हीटिंग पैड लगाएँ। सोने से पहले गर्म पानी से नहाना भी फ़ायदेमंद है।

नींबू का रस और गुलाबी नमक

नींबू के रस में विटामिन सी होता है और गुलाबी नमक में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। इन्हें एक साथ पीने से शरीर में इसकी कमी पूरी होती है।

ऐंठन को रोकने के लिए सुझाव

कुछ सावधानियां बरतकर इस समस्या को रोका जा सकता है:

पानी प

सोने से पहले पर्याप्त पानी पिएं। निर्जलीकरण को रोकने से मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।

स्ट्रेचिंग करें

सोने से पहले अपने पैरों को सीधा और मोड़ लें। मालिश करके अपनी मांसपेशियों को ढीला करें।

सोने की स्थिति

अपने पैरों को अपने शरीर के करीब रखकर सोने की कोशिश करें। इससे आपकी पिंडलियों की मांसपेशियों पर तनाव कम होगा।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

अगर ऐंठन बार-बार होती है या बहुत ज़्यादा दर्द होता है, तो डॉक्टर से सलाह लें। कुछ मामलों में, किडनी या हृदय रोग जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याएं भी ऐंठन का कारण बन सकती हैं। डॉक्टर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या दवाओं के प्रभाव की जांच कर सकते हैं।