बच्चों से लेकर बड़े तक, मीठा खाना ज्यादातर लोगों को पसंद आता है। टॉफी, चॉकलेट, केक, पेस्ट्री, जूस जैसे स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ देखकर किसी का भी मुंह पानी से भर सकता है। हालांकि, मीठा स्वाद सबको भले ही अच्छा लगे, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन किसी भी उम्र के लिए हानिकारक हो सकता है। जबकि वयस्क इसे समझ सकते हैं, छोटे बच्चे अक्सर मीठे खाने के नुकसान से अनजान रहते हैं और बार-बार मीठा खाने की जिद करते हैं।
अत्यधिक मीठा खाने से बच्चों के दांत खराब हो सकते हैं, ब्लड शुगर बढ़ सकता है, मोटापा और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि आप अपने बच्चे को इस जोखिम से बचाना चाहते हैं, तो इन सरल उपायों को अपनाकर आप बच्चों की मीठे खाने की आदत को नियंत्रित कर सकते हैं।बच्चों को आइसक्रीम, कुल्फी, और कोल्ड ड्रिंक्स की बजाय फ्लेवर्ड योगर्ट खिलाएं। योगर्ट न केवल स्वाद में अच्छा होता है, बल्कि इसमें शुगर की मात्रा भी कम होती है। इसके अलावा, योगर्ट एक प्रोटीन रिच और प्रोबायोटिक फूड है, जो बच्चों के लिए स्वस्थ होता है और उनके विकास के लिए जरूरी है।
कई माएं बच्चों को दूध देते समय उसमें फ्लेवर पाउडर या चीनी डाल देती हैं, लेकिन अगर आप बच्चों की मीठे की आदत छुड़वाना चाहते हैं, तो यह आदत बदलना जरूरी है। शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे चीनी या फ्लेवर पाउडर की मात्रा घटाकर इसे बंद कर सकते हैं।
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बच्चों को मीठा बहुत पसंद होता है, और वे आसानी से चॉकलेट का स्वाद नहीं छोड़ सकते। ऐसे में सफेद चॉकलेट की बजाय आप डार्क चॉकलेट का विकल्प चुन सकती हैं। डार्क चॉकलेट में कम मीठापन होता है। हालांकि, शुरुआत में बच्चे इसका स्वाद पसंद नहीं कर सकते, लेकिन धीरे-धीरे वे इसे भी पसंद करने लगेंगे।
शरीर में शुगर लेवल को बैलेंस रखने के लिए फाइबर और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ मददगार होते हैं। यह बच्चों को लंबे समय तक तृप्त रखते हैं, जिससे वे बार-बार भूख महसूस नहीं करते और मीठा खाने की इच्छा कम होती है। बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां, साबुत अनाज और सलाद को शामिल करें।
अक्सर छोटे बच्चे अपने माता-पिता को देखकर आदतें अपनाते हैं। अगर आप घर में कोल्ड ड्रिंक, प्रोसेस्ड फूड जैसी चीजें अधिक खाते हैं, तो बच्चों को हेल्दी ईटिंग हैबिट्स सिखाना मुश्किल हो सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपनी खराब ईटिंग हैबिट्स में बदलाव लाएं, ताकि बच्चों को भी अच्छी आदतें अपनाने में मदद मिल सके।