भौगोलिक परिस्थितियों के कारण असम में बाढ़ की स्थिति भयावह: मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 3 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि भौगोलिक कारणों से असम में बाढ़ की स्थिति जब तक भयावह हो जाती है। उन्होंने कहा कि वे दिन-रात बाढ़ पीड़ित लोगों की सेवा में तथा तटबंधों की हिफाजत के लिए काम कर रहे हैं।

बुधवार को बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के बाद धारापुर में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना के कारण असम में इस बार बाढ़ की स्थिति जटिल हो गई। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन, अरुणाचल प्रदेश और भूटान आदि में अधिक बारिश होने के कारण असम में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। स्थिति में सुधार लाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन इसे रोकना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ऊपरी असम में बारिश में कमी आने के कारण मोरीगांव तक ब्रह्मपुत्र समेत इसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से नीचे बहने लगी हैं। वहीं, गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान पर बह रही है। यदि बारिश में कमी आती है तो निश्चित ही स्थिति में सुधार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ित लोगों की पूरी तरह सहायता की जा रही है।

वहीं, सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा, “असम में बाढ़ की स्थिति भयानक है, लेकिन हमारा प्रशासनिक तंत्र इन कठिन समय में पूरी तरह से लोगों के साथ खड़ा है। हमने इस मुश्किल घड़ी से निपटने की पूरी कोशिशें की है। हमें विश्वास है कि यह समस्या बहुत कम समय में दूर हो जाएगी। भारी वर्षा होने की वजह से असम में बाढ़ की समस्या गंभीर हुई है, लेकिन अगले कुछ दिनों में परिस्थिति में सुधार होगा। इस कठिन समय में हमारा पूरा प्रशासन लोगों के साथ मज़बूती से खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुबह कामरूप में राज्यव्यापी बाढ़ के मद्देनजर गरल, भट्टपारा और रानी चापरी के लोगों की स्थिति को लेकर पूछताछ की है। ऐसे कठिन समय में लोगों को सभी आवश्यक मदद पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन का निर्देश दिए हैं।