उत्तर प्रदेश में बाढ़: उत्तर प्रदेश के अयोध्या, पीलीभीत, बरेली, आज़मगढ़ और हरदोई समेत 17 जिलों में बाढ़ की स्थिति है. नदियों का जलस्तर लगातार घट-बढ़ रहा है. बरेली में बहगुल नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव प्रभावित हैं. बाढ़ के कारण डूबने से दो बच्चों समेत कुल चार लोगों की मौत हो गयी है.
बाढ़ के कारण कई गांवों में आवागमन बंद हो गया
बदांयू के दातागंज में रामगंगा नदी में पानी आने से शाहजहाँपुर-लखनऊ मार्ग बंद हो गया। फर्रुखाबाद में भी रामगंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। अमैयापुर में बाढ़ के कारण कई गांवों में आवागमन बाधित हो गया है. प्रयागराज, वाराणसी, मिर्ज़ापुर, कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है.
राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर
संतकबीरनगर में राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई। संतकबीरनगर और देवरिया में सरयू खतरे के निशान पर पहुंच गई है। आज़मगढ़, मऊ और बलिया में सरयू के जलस्तर में मामूली गिरावट देखी गई। लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी और मिर्ज़ापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. बाढ़ और कटान के खतरे को देखते हुए तटवर्ती इलाकों के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. जौनपुर में पिछले 24 घंटे में गोमती का जलस्तर आठ फीट बढ़ गया है।
बाढ़ से 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 17 जिले इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहाँपुर, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आज़मगढ़, हरदोई और अयोध्या शामिल हैं। करीब 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. 66 तालुकाओं के कुल 1273 गांव बाढ़ का सामना कर रहे हैं।