झंडा मेला: आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने को उमड़ा जन सैलाब, जयकारों से गूंजी द्रोणनगरी

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देहरादून, 30 मार्च (हि.स.)। गुरुभक्ति के गीतों व गुरु राम राय महाराज के जयकारों के साथ शनिवार को झण्डा साहिब का आरोहण किया गया। आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए दरबार साहिब में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों संगतें व दूनवासी झंडे के सम्मुख श्रद्धा के साथ शीश नवाएं व हाथ जोड़े खड़े रहें। हर कोई झण्डा साहिब के समक्ष मत्था टेकने और गुरु राम राय महाराज के दर्शन को श्रद्धापूर्वक भावविभोर रहा।

दरबार साहिब परिसर व आसपास के क्षेत्रों में तिल रखने भर की भी जगह नहीं थी। जैसे-जैसे झंडे पर गिलाफ के आवरण चढ़ाने का क्रम बढ़ता जाता, संगतों व दूनवासियों का उत्साह भी पराकाष्ठा तक पहुंचता जाता। दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही व झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई, तो महाराज के जयकारों की ध्वनि तेज हो उठी। शनिवार शाम चार बजकर दस मिनट पर जैसे ही दरबार साहिब देहरादून के सज्जादे गद्दी नशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज ने आरोहण की प्रक्रिया शुरू करने का संदेश दिया, वैसे ही पूरी द्रोणनगरी गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठी। 4 बजकर 25 मिनट पर झंडेजी का आरोहण पूर्णं हुआ। संगतों व दूनवासियों ने गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लगाए व ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया।इसी दौरान एक बाज ने झंडेजी की भी परिक्रमा की। आरोहण के समय बाज की इस चमत्कारी उपस्थिति को गुरु राम राय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति के रूप में हर साल दर्ज किया जाता है। साथ ही खुशियों में सराबोर संगतें व दूनवासी झूमने लगे। इसी के साथ देहरादून के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत झंडे मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया।

शनिवार सुबह सूर्य की पहली किरण भी धरती पर नहीं पड़ी थी कि दरबार साहिब परिसर एवं आस-पास का क्षेत्र संगतों व दूनवासियों से खचाखच भर गया। सुबह हुई बूंदाबांदी व बारिश को संगतों एवं श्रद्धालुओं ने गुरु राम राय महाराज के आशीर्वाद स्वरूप ग्रहण किया। झंडेजी को उतारने के लिए संगतें झंडेजी के नीचे एकत्र हो गईं। उतरते व फिर चढ़ते देखना अपने आप में अद्भुत एवं अद्वितीय नज़ारा रहा। इस पुण्य को अर्जित करने के लिए देश-विदेश से आई संगतें इस पावन बेला का साल भर बेसब्री से इंतजार करती हैं।

सुबह 7 बजे से ही विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। सुबह आठ बजे झंडेजी को उतारा गया व पूजा अर्चना की गई। झंडे जी (पवित्र ध्वज दण्ड) को संगतों ने सुबह दूध, घी, शहद, गंगाजल व पंचगब्यों से स्नान करवाया। 90 फीट ऊंचे झंडेजी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान झंडेजी को एक पल के लिए भी ज़मीन पर नहीं रखा जाता। संगतें अपने हाथों पर झंडे को थामे रहती हैं।

दोपहर करीब डेढ़ बजे झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। यह दृश्य देखते हुए संगतों व दूनवासियों के श्रद्धाभाव आंखों से छलक आए। हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा।

देशवासियों पर सदैव बनी रहे गुरु राम राय महाराज की कृपा

दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज ने सभी देश व प्रदेशवासियों सहित संगतों को झंडा महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा यह महोत्सव मेला प्रेम, सदभावना, आपसी भाईचारा, सौहार्द, उल्लास व अमन-चैन का संदेश देने वाला मेला है। उन्होंने कहा कि झंडे जी पर शीश नवाने से सभी की मन्नतें पूरी होती हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि देशवासियों-प्रदेशवासियों व झंडेजी मेले में शामिल होने आई संगतों व दूनवासियों पर गुरु राम राय महाराज की कृपा सदैव बनी रहे।

पुलिस, प्रशासन व मीडिया कर्मियों का जताया आभार

मेला आयोजन समिति ने मेले के सफल आयोजन में सहयोग के लिए पुलिस अधिकारियों, पुलिस स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारियों, मीडियाकर्मियों व दूनवासियों का आभार जताया।

गुरु की प्यारी संगत का दूनवासियों ने जिस आदर के साथ सत्कार किया है उसके लिए सादर आभार एवं सादर धन्यवाद दिया। श्री झण्डा जी मेला आयेाजन समिति के सह व्यवस्थापक विजय गुलाटी ने समिति के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।

एलईडी स्क्रीनों पर हुआ मेले का सजीव प्रसारण

झंडेजी आरोहण का लाइव आकर्षण देखने के लिए दरबार साहिब मेला समिति के द्वारा इस बार 5 बड़ी एलईडी स्क्रीनों की व्यवस्था की गई थी। दरबार साहिब परिसर के अंदर स्क्रीन लगाई गई। सभी स्क्रीनों पर एक साथ मेले का सजीव प्रसारण किया गया। दरबार साहिब व झण्डे जी आरोहण के सामने का पूरा हिस्सा संगतों से पूरी तरह पैक रहा। संगतों ने एलईडी स्क्रीन पर झण्डे जी आरोहण का सीधा प्रसारण देखा। ड्रोन कैमरे द्वारा की गई कवरेज भी सबकी आकर्षण का केन्द्र रही।

विदेशी संगतें भी पहुंची दरबार साहिब

झंडेजी पर शीश नवाने के लिए देश-विदेश से संगतें पहुंची हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आई संगतों ने शीश नवाया। विदेशों से आई संगतें भी झंडेजी आरोहण की साक्षी बनी। दरबार साहिब में श्रद्धालु भजन-कीर्तन के साथ ही गुरु महिमा का गुणगान करते रहे। श्रद्धालुओं ने ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। पवित्र सरोवर में लगाई डुबकी। श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। सुबह से ही श्रद्धालु यहां स्नान कर रहे थे। दोपहर बाद में सरोवर के चारो तरफ संगतों के जुटने से यहां का नजारा भी दर्शनीय लग रहा था। साथ ही बच्चों ने भी सरोवर के स्नान का आनन्द उठाया।