वित्त वर्ष 24 में राजकोषीय घाटा 16.54 लाख करोड़ रुपये, बजट अनुमान से 4.7 फीसदी कम

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के राजकोषीय घाटे का आंकड़ा रु. 16.54 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। लक्ष्य से 17.86 लाख करोड़ कम है. इसके साथ ही राजकोषीय घाटे का आंकड़ा बजट लक्ष्य के 95.3 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है, इसकी जानकारी भारत के महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों से मिलती है.

इसके साथ ही केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे का आंकड़ा कुल जीडीपी का 5.6 फीसदी है, जो संशोधित अनुमान के तहत अनुमानित 5.8 फीसदी से कम है. आलोच्य वित्त वर्ष में केंद्र सरकार का कर राजस्व भी अनुमान से अधिक यानी रुपये रहा. 23.27 लाख करोड़ हो गया है. इस आंकड़े की तुलना साल भर के अनुमान से करें तो यह 100.10 फीसदी रहा है. दूसरी ओर, कुल लागत का आंकड़ा रु. 44.43 लाख करोड़, जो पूरे साल के अनुमान का 99 फीसदी है. संबंधित वर्ष में बुनियादी ढांचे के लिए सरकारी व्यय का आंकड़ा रु. 9.49 लाख करोड़ हो गया है

इस बीच, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में राजकोषीय घाटे का आंकड़ा रु. 2.1 लाख करोड़, जो पूरे साल के कुल अनुमान का 12.5 फीसदी है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार का अंतरिम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 फीसदी के स्तर से घटाकर 5.8 फीसदी किया जाएगा. इसके अलावा वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस घाटे के अनुमान को घटाकर जीडीपी के 5.1 फीसदी करने के लक्ष्य की भी घोषणा की. भारत का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत तक कम करना है।

2023-24 में केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष कर राजस्व भी साल-दर-साल 17.7 प्रतिशत बढ़कर रु. 19.58 लाख करोड़. इस वर्ष का जीएसटी राजस्व भी 11.7 प्रतिशत बढ़कर रु. 20.14 लाख करोड़.