नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर विपक्ष में दरार पैदा हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के. सुरेश के नामांकन को लेकर नाराज है। पार्टी का कहना है कि यह एक तरफा फैसला है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि यह अंतिम समय में लिया गया आवश्यतावश निर्णय है। यानी लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर विपक्ष की एकजुटता का कल पहला टेस्ट होगा।
कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से आज लोकसभा अध्यक्ष के लिए केरल से कांग्रेस सांसद के. सुरेश का नामांकन किया गया। विपक्ष उपाध्यक्ष का पद चाहता है, लेकिन सरकार इस पर फिलहाल कोई वादा नहीं करना चाहती। इसी के चलते आज विपक्ष ने परंपरा से अलग अध्यक्ष पद के लिए अपनी ओर से उम्मीदवार का नामांकन कर दिया। वहीं सत्तारूढ़ एनडीए ने अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला का नामांकन किया है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अध्यक्ष के विषय में हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही कोई चर्चा हुई है। दुर्भाग्य से, यह एकतरफा निर्णय है।
इसी बीच कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यह अंतिम समय में लिया गया निर्णय है। उन्हें दोपहर की समय सीमा से 10 मिनट पहले इस मुद्दे पर फैसला लेना था। के. सुरेश ने तृणमूल कांग्रेस से संपर्क किया है और उनका समर्थन मांगा है।
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने के लिए इंडिया ब्लॉक के नेता आज रात यहां बैठक करेंगे। कांग्रेस ने कहा कि गेंद सरकार के पाले में है कि विपक्ष को उपाध्यक्ष पद की पेशकश करके इस मुद्दे पर आम सहमति बनाई जा सकती है। इसी बीच कांग्रेस ने पार्टी सांसदों को 26 जून को लोकसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है, जब अध्यक्ष के लिए चुनाव होंगे। वहीं कल लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले एनडीए नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।