ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी की पहली बैठक में जाति गणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया. विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्रालय से जाति गणना पर चर्चा की मांग की. जेडीयू ने भी इस मांग का समर्थन किया. वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि कंगना बीजेपी की प्रवक्ता नहीं हैं. देशभर में लोग जातीय जनगणना कराने के पक्ष में हैं.
हिमाचल के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान ने एक बार फिर सियासी गरमाहट पैदा कर दी है. कंगना ने कहा है कि देश में जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाया है. इस बीच गुरुवार को ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी की पहली बैठक हुई, जिसमें जाति गणना का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया गया. इस बैठक में विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्रालय से जाति गणना पर चर्चा की मांग की. ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी की इस बैठक में कांग्रेस, जेडीयू, टीएमसी और डीएमके के नेता मौजूद रहे.
कांग्रेस का कहना है कि कंगना के बयान से साफ पता चलता है कि बीजेपी जाति गणना के मूड में नहीं है. जेडीयू ने भी जाति गणना पर बहस की मांग का समर्थन किया है. जेडीयू ने कहा कि वह पूरे देश में जातीय जनगणना कराने के पक्ष में है. वहीं, कंगना के बयान पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि कंगना रनौत बीजेपी की प्रवक्ता नहीं हैं. वहीं, कांग्रेस के मणिकम टैगोर, डीएमके के टीआर बालू, टीएमसी के कल्याण बनर्जी और जेडीयू के गिरधारी यादव ने भी गृह मंत्रालय से जाति गणना पर चर्चा की मांग की.
हम जातीय जनगणना कराएंगे: सुप्रिया श्रीनेत
कंगना के जनगणना वाले बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बीजेपी जातीय जनगणना के खिलाफ है और इसे बिल्कुल नहीं करवाएगी. ये बात बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने साफ कर दी है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये बीजेपी का आधिकारिक रुख है? भाजपा कब तक दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को उनके अधिकारों से वंचित करती रहेगी? आप जातीय जनगणना मत कीजिए, हम जातीय जनगणना कराएंगे.