विधायकों के शपथ ग्रहण में देरी के लिए फिरहाद ने राज्यपाल पर साधा निशाना

कोलकाता, 24 जून (हि.स.)। उपचुनाव जीतने के बाद भी तृणमूल के दो नव-निर्वाचित विधायक शपथ नहीं ले पा रहे हैं। इसे लेकर राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर हमला बोला है। सोमवार को

फिरहाद ने विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में उपसभापति आशीष बनर्जी समेत दो नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की। बैठक के बाद राज्य के नगर निकाय मंत्री ने कहा कि मैं खुद 2009 में उपचुनाव जीता और विधानसभा का सदस्य बना। तत्कालीन स्पीकर ने राज्यपाल से मंजूरी ली। तत्कालीन अध्यक्ष हासिम अब्दुल हलीम ने उपचुनाव परिणाम की घोषणा के आठ-नौ दिन बाद एक विशेष दिन तय किया। नियत दिन पर हम आये और शपथ ली।

उन्होंने आगे कहा, ”लेकिन अब हर बार राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों को कमजोर करके, चुनावी प्रणाली का अपमान करके केंद्र सरकार के इशारे पर बाहुबल दिखा रहे हैं। इस राज्यपाल का चरित्र ठीक नहीं है। अगर मैं उनकी जगह होता तो महिला उत्पीड़न के आरोप के बाद इस्तीफा दे देता।”

दोनों विधायकों के शपथ ग्रहण से जुड़ी जटिलताओं का जिक्र करते हुए फिरहाद ने कहा कि दो सदस्य जनता के वोट से निर्वाचित होकर विधानसभा के सदस्य बने हैं और यहां केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत राज्यपाल आये हैं। विधायकों को शपथ दिलाना विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार है। हम विधायक स्पीकर के करीब रहते हैं – यह विधानसभा का नियम है।

उन्होंने कहा कि आम लोगों ने हमारा समर्थन किया है। राज्यपाल कौन है? किस चीज़ के गवर्नर? किसी को भी जनता के निर्णय के विरुद्ध जाने का अधिकार नहीं है। हमें कभी भी उपचुनाव जीतने के बाद शपथ लेने के बारे में नहीं सोचना पड़ा। यह सब इस भाजपा सरकार में हो रहा है। एक अल्पमत सरकार, जो दूसरों पर निर्भर है।