आयकर: केंद्र सरकार अगले महीने अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है। इस सिलसिले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार बैठकें कर रही हैं। इस बजट से आम आदमी को बड़ी राहत की उम्मीदें हैं, हालांकि हर बजट से पहले देश की जनता सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखती है।
दरअसल, अब वित्त मंत्रालय बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर छूट से जुड़े विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। पीएम मोदी ने पिछले दिनों अपने संबोधन में कहा था कि मध्यम वर्ग देश के विकास का वाहक है और उनकी भलाई और सुविधा हमारी प्राथमिकता है।
बजट के लिए सरकार की तैयारी तेज़
ऐसे में वेतनभोगी लोगों को इस बजट में मोदी सरकार से आयकर में राहत की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार नई कर व्यवस्था में बदलाव कर सकती है। खबर है कि सरकार 15 से 17 लाख रुपये सालाना कमाने वालों के लिए आयकर की दरें घटाने पर विचार कर रही है। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नई कर व्यवस्था के दायरे में लाया जाए।
मालूम हो कि पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने नई कर व्यवस्था शुरू की थी, सरकार नई कर व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने के लिए उसमें लगातार बदलाव कर रही है। अब अगर 15 से 17 लाख सालाना कमाने वालों के लिए नई कर व्यवस्था के तहत कम टैक्स का प्रावधान किया जाता है तो इससे बड़े पैमाने पर लोगों को राहत मिलेगी।
गौरतलब है कि नई कर व्यवस्था के तहत सरकार 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर में छूट देती है। वहीं पुरानी कर व्यवस्था के तहत 5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। इसके बाद दोनों पर 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी लागू होता है। यानी नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 7.50 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
नई कर व्यवस्था आयकर स्लैब
आपको बता दें, नई टैक्स व्यवस्था में 0-3 लाख सालाना तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके बाद 3 से 6 लाख पर 5%, 6 से 9 लाख पर 10%, 9 से 12 लाख पर 15%, 12 से 15 लाख पर 20% और 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30% टैक्स लगता है। इसके अलावा हेल्थ और एजुकेशन सेस के तौर पर 4% टैक्स लगता है।