फतेहाबाद: चिकित्सक और एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर, अस्पतालों में परेशान हुए मरीज

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फतेहाबाद, 26 जुलाई (हि.स.)। सरकार के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रहने से खफा नागरिक अस्पताल के चिकित्सक शुक्रवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों के साथ-साथ आज एनएचएम कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। चिकित्सकों और एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से जिलेभर में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जिले के नागरिक अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपचार के लिए आए मरीज निराश होकर वापस लौट गए।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. भरत सिंह ने बताया कि शुक्रवार को दूसरे दिन भी जिले में कोई भी चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं आया है। जब तक सरकार चिकित्सकों की मांगों को नहीं मानती उनका आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी ओर एनएचएम कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले स्वास्थ्य विभाग मे कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल कर नागरिक अस्पताल के बाहर धरना दिया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण अस्पतालों में कामकाज ठप्प रहा और स्वास्थ्य सेवाएं बंद रही। एनएचएम कर्मचारी संघ व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के संयुक्त आह्वान पर किए गए प्रदर्शन में काफी संख्या में एनएचएम कर्मचारी शामिल हुए।

धरने पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों ने कहा कि सांझा मोर्चा की बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव हैल्थ के साथ उनके कार्यालय में हुई थी। बैठक में एनएचएम कर्मचारियों के द्वारा अपनी मांगो के बारे में विस्तार से मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया था, परन्तु बैठक में कोई भी निर्णय नहीं हो पाया था। इसके चलते सांझा मोर्चा ने 24 जुलाई को दो घण्टे पैन डाउन स्ट्राईक का ऐलान किया था। उन्होंने बताया कि इसके बाद मिशन निदेशक एनएचएम के साथ एनएचएम कर्मचारियों की लम्बित पड़ी मांगों को लेकर चर्चा हो रही है। अगर इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता है तो सांझा मोर्चा स्वास्थय कर्मचारी संघ व हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ के द्वारा आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया जाएगा, जिसके चलते हरियाणा प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होगी और इसकी जिम्मेवारी पूर्ण रुप से हरियाणा सरकार की होगी। एनएचएम कर्मचारियों की मांग है कि सभी एनएचएम कर्मचारियों को पक्का किया जाए। सातवां वेतनमान दिया जाये। कैशलेस मेडिकल, ईएल, एचआरए की ऐवज में नियमानुसार क्वाटर अलॉट किए जाएं। हड़तालों का कटा हुआ वेतन दिया जाये।