अगर आप हाईवे पर सफर करते हैं और टोल पेमेंट के लिए FASTag का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सोमवार से फास्टैग के नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जिनके तहत कम बैलेंस, भुगतान में देरी या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को कम करना और टोल प्रक्रिया को अधिक सुचारु बनाना है।
क्या हैं नए FASTag नियम?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के तहत, अगर आपका FASTag निर्धारित समय सीमा के भीतर सक्रिय नहीं होता है, तो लेन-देन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
टोल पार करने से 60 मिनट पहले: अगर आपका फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक ब्लैकलिस्ट, हॉटलिस्ट या कम बैलेंस की स्थिति में है, तो टोल लेन-देन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
टोल पार करने के 10 मिनट बाद: अगर फास्टैग स्कैन होने के 10 मिनट बाद तक भी निष्क्रिय रहता है, तो ट्रांजेक्शन फेल हो जाएगा।
इन दोनों स्थितियों में फास्टैग पेमेंट रिजेक्ट हो जाएगा और यूजर को टोल शुल्क का दोगुना जुर्माना देना होगा।
अब टोल प्लाजा पर FASTag रिचार्ज नहीं होगा
पहले अगर किसी यूजर का फास्टैग बैलेंस कम हो जाता था, तो वे टोल प्लाजा पर ही रिचार्ज करके आगे बढ़ सकते थे। लेकिन अब यह सुविधा नहीं मिलेगी। FASTag को पहले से रिचार्ज करना जरूरी होगा ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके।
FASTag वैलिडेशन में बड़े बदलाव
NPCI के नए नियमों के अनुसार, FASTag ट्रांजेक्शन्स को तय समय सीमा में पूरा करना अनिवार्य होगा। नए नियमों के तहत FASTag खातों को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
व्हाइटलिस्टेड (सक्रिय FASTag) – इनका इस्तेमाल बिना किसी दिक्कत के किया जा सकता है।
ब्लैकलिस्टेड (निष्क्रिय FASTag) – इन्हें ट्रांजेक्शन के लिए अस्वीकार कर दिया जाएगा।
FASTag ब्लैकलिस्ट होने के कुछ मुख्य कारण:
अपर्याप्त बैलेंस
KYC वेरिफिकेशन पेंडिंग होना
वाहन रजिस्ट्रेशन से जुड़ी कोई गड़बड़ी
अगर आपका फास्टैग टोल बूथ पर पहुंचने से 60 मिनट पहले ही ब्लैकलिस्ट हो चुका है, तो आखिरी समय पर रिचार्ज करके बचना संभव नहीं होगा। हालांकि, अगर टोल स्कैन के 10 मिनट के भीतर रिचार्ज कर लिया जाता है, तो सिर्फ सामान्य टोल शुल्क देना होगा और जुर्माने से बचा जा सकता है।
FASTag यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा?
नए नियमों के लागू होने से टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारें कम होंगी और पेमेंट प्रक्रिया में तेजी आएगी। हालांकि, जिन यूजर्स को इन नियमों की जानकारी नहीं होगी, वे अनावश्यक जुर्माना भरने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
इसलिए FASTag यूजर्स को इन सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है:
हमेशा पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें ताकि ट्रांजेक्शन फेल न हो।
KYC अपडेट रखें ताकि FASTag ब्लैकलिस्ट न हो।
लॉन्ग ड्राइव पर जाने से पहले FASTag बैलेंस चेक कर लें।
टोल बूथ पर जाने से पहले अपने FASTag की स्थिति जांच लें।
सरकार के इस कदम का उद्देश्य क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव टोल संचालन को अधिक पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाएगा।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है:
- “यह प्रणाली लेन-देन की विफलताओं को कम करेगी और टोल अनुभव को अधिक सुविधाजनक बनाएगी।”
- “यूजर्स को अपने FASTag अकाउंट की देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक जाम और टोल विवादों में कमी आएगी।”
सरकार का मुख्य उद्देश्य टोल कलेक्शन को सुव्यवस्थित करना और हाईवे पर ट्रैफिक को सुगम बनाना है।