कठुआ 16 मार्च (हि.स.)। लोकतंत्र में वंशवादी राजनीति सबसे बड़ा अभिशाप है, देश की जनता यूपीए गठबंधन के नेताओं से नफरत करती है। फारूक अब्दुल्ला, छोटे मियां, मुफ्ती बहन और गांधी नेहरू परिवार पूरे देश के अंदर कमजोर सरकार बनाना चाहते हैं क्योंकि गठबंधन में 18 उम्मीदवार पहले ही प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। यह बाते राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी जम्मू कश्मीर तरुण चुघ ने कठुआ में कहीं।
शनिवार को भाजपा कठुआ कार्यालय में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी जम्मू कश्मीर तरुण चुघ मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता ने तय किया है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तगड़ी सरकार आए। यह चुनाव लंगडी और तगड़ी के बीच में है। यह चुनाव वंशवादियों और लोकतंत्र वादियों में है, यह चुनाव भ्रष्टाचार्यों और विकास वादियों के बीच है, यह चुनाव मेरा बेटा मेरी बेटी मेरा परिवार मानने वाले नेताओं और देश को अपना परिवार मानने वाले मोदी के बीच में है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इस चुनाव को एक उत्सव की तरह देश को आगे ले जाने के लिए विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए निकला है। चुघ ने कहा कि तीन परिवारों ने जम्मू कश्मीर को 370 और 35ए की जंजीरों में जकड़कर रखा उनके और मुक्ति दिलाने वाले नरेंद्र मोदी के बीच यह चुनाव है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर आज बिल्कुल स्पष्ट है कि जिन्होंने 7 दशक में लूट भ्रष्टाचार कटमनी और छटमनी के नाम पर सरकारें चलाई, अब जम्मू कश्मीर की जनता इन तीन परिवारों से मुक्ति चाहती है। 90 के दशक में जब अपने ही देश में लाखों लोगों का पलायन करवाया गया उस समय जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला साहब थे और मुफ्ती साहब देश के गृहमंत्री थे। इन्हीं नेताओं ने कश्मीर में पत्थर बाजों को पैदा किया, एक-47 वालों को नायक बनाया, बम गोलियां हड़ताल कर्फ्यू दिया। लेकिन वहीं जम्मू कश्मीर को टूरिज्म कैपिटल बनाने वाले नरेंद्र मोदी, शांति देने वाले नरेंद्र मोदी, विकास देने वाले नरेंद्र मोदी, विश्वास देने वाले नरेंद्र मोदी हैं। इसलिए चुनाव का खाता स्पष्ट हो चुका है और जनता ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को देश की कमान सौंपने का फैसला किया है। चुघ ने कहा कि डीडीसी चुनाव में कश्मीर के 10 जिला में 11 लाख लोगों ने वोट किया जोकि इतिहास है। और 50 प्रतिशत लोगों ने गुपकार गठबंधन के खिलाफ वोट किया इसलिए आज की स्थिति साफ है कि जम्मू कश्मीर के अंदर भारतीय जनता पार्टी लोकसभा भी जीतेगी और सितंबर तक होने वाले विधानसभा चुनाव भी जीतेगी।
सीएए पर स्पष्ट करते हुए चुघ ने कहा यह किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं नागरिकता देने के लिए लाया गया है। घुसपैठियों और शरणार्थियों में फर्क होता है। गुपकार गठबंधन यासीन मलिक जैसे घुसपैठियों के लिए रेड कारपेट बिछाते आए हैं। उन्होंने कहा कि नेहरू लियाकत समझौता जोकि 1950 के दशक में देश की आजादी के बाद हुआ था जिसमें तीनों देशों की सरकारों ने कमिटमेंट की थी कि पाकिस्तान में बैठे 28 प्रतिशत हिंदू सिख इसाई पारसी जैन और बुद्ध उनकी सुरक्षा दोनों सरकारों की जिम्मेदारी होगी। लेकिन इसके विपरीत कश्मीर में हिंदू सिख मुस्लिम परिवार विस्थापित होकर वापस आए। वहीं कार्यक्रम के अंत में उच्च स्तरीय सेवानिवृत अधिकारियों सहित दर्जनों लोगों ने भाजपा का दामन थामा जिनका तरूण चुघ ने हार पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा जिला प्रधान गोपाल महाजन, पूर्व मंत्री राजीव जसरोटिया, रविंद्र सलाथिया, राजेश मेहता, अक्षय भारती, राहुल हंस, टीआर भगत सहित विभिन्न मंडलों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।