खूंटी, 18 जून (हि.स.)। कृषि विज्ञान केंद्र तोरपा में मंगलवार को प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त के तहत 9.26 करोड़ किसानों के खातों में 20 हजार करोड़ से अधिक की राशि के हस्तांतरण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किसानों को दिखाया गया। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि से करोड़ों किसान लाभान्वित हुए हैं।
यह योजना किसानों के जीवन को आसान और कृषि को प्रोत्साहित करने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों के कल्याण के लिए संकल्पित है। इसके साथ कृषि पैरा विस्तार कार्यकर्त्ता के रूप में “कृषि सखियों” का प्रमाणीकरण भी किसानों ने देखा। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ दीपक राय ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तें, साल में कुल छह जार रुपये दिये जाते हैं। स्कीम के तहत पहली किस्त अप्रैल-जुलाई के बीच, दूसरी किस्त अगस्त-नवंबर के बीच और तीसरी किस्त दिसंबर-मार्च के बीच जारी की जाती है। इस योजना की शुरुआत 2019 में किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए की गई थी। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। शुरुआत में जब पीएम किसान योजना शुरू की गई थी, इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वे किसान शामिल थे, जिनके पास दो हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान परिवारों के लिए इसे विस्तारित कर दिया गया। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है।
पीएम किसान से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे प्रोफेशनल्स के साथ-साथ दस हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है।