कैथल की मंडियों नमी वाली गेहूं लेकर पहुंचे किसान, नहीं हुई खरीद

कैथल, 8 अप्रैल (हि.स. )। कैथल की नई अनाज मंडी में गेहूं की आवक तो शुरू हो गई है लेकिन गेहूं में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हो सकी है। सोमवार को खरीद का पहला दिन होने के कारण शहर की नई अनाज मंडी और विस्तार अनाज मंडी में गेहूं की पांच ढेरियां पहुंची हैं। गेहूं की आवक शुरू होने के सरकारी खरीद के लिए खरीद एजेंसी की टीम ने गेहूं की गुणवत्ता व नमी को लेकर जांच की। इस दौरान गेहूं में नमी की मात्रा 15 प्रतिशत तक पाई गई। जबकि गेहूं में नमी 12 प्रतिशत या उससे कम होनी चाहिए।

एजेंसी की अेार से गेहूं लेकर पहुंचे किसानों को पहले इसे सुखाने की हिदायत दी गई। गेहूं की फसल लेकर पहुंचे किसान सतपाल व अजय सिंह ने बताया कि तीन एकड़ में गेहूं की फसल की कटाई की है। साथ लगते खेतों में कंबाइन चल रही थी, इसलिए कटवा ली, लेकिन मंडी में आने के बाद पता चला की इसमें नमी ज्यादा है।

इसलिए अभी उन्हें फसल बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। मार्केट कमेटी सचिव बसाऊ राम ने बताया कि नई व अतिरिक्त अनाज मंडी में गेहूं की पांच ढेरियां आई हैं। गेहूं की ढेरियों के सैंपल लिए हैं, इनमें 15 प्रतिशत से ज्यादा नमी है। जबकि 12 प्रतिशत से कम नमी होनी चाहिए। किसानों से अपील की जा रही है मंडी में फसल को सुखाकर लेकर आएं, ताकि अच्छे भाव मिल सके। गेहूं सीजन को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली हैं।

पूंडरी मंडी में नहीं हुई सरसों की खरीद

पूंडरी की मंडी में इस बार पहली बार सरसों की खरीद आढ़ती किसानों से सीधे करेंगे। इससे पहले सरकार सरसों की खरीद कोऑपरेटिव सोसाइटियों के माध्यम से कर रही थी। पिछले साल हैफेड ने पूंडरी मंडी से सरसों की खरीद की थी। आढ़तियों के पास जीएसटी नंबर ना होना सरसों की खरीद न होने का कारण बन रहा है। जिस कारण मंडी से सरसों की खरीद नहीं हो रही है। मार्केट कमेटी के सचिव गुलाब नैन ने बताया कि गेहूं की खरीद के लिए जीएसटी नंबर होना जरूरी नहीं है। कपास और सरसों की खरीद में जीएसटी नंबर की जरूरत पड़ती है। जीएसटी नंबर मिलन इतनी जल्दी संभव नहीं है। दोबारा कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से ही सरसों की खरीद हो सकती है। जल्द ही सरसों की खरीद शुरू करवा दी जाएगी और किसी किसान को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।