Farmers Protest: 26 जनवरी को फिर निकलेगा ट्रैक्टर मार्च, किसानों ने दी सरकार को चेतावनी

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पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने का बड़ा ऐलान किया है। यह फैसला केंद्र सरकार पर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। किसानों की मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी शामिल है।

जगजीत सिंह दल्लेवाल भूख हड़ताल पर

  • किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
  • उन्होंने पंजाब सरकार से मिलने वाली चिकित्सा सहायता को भी अस्वीकार कर दिया है।
  • किसानों का कहना है कि सरकार को जल्द उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए।

प्रदर्शन का इतिहास और मांगें

  • किसान 13 फरवरी 2024 से शंभू और खनौरी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
  • यह प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब सुरक्षा बलों ने दिल्ली की ओर उनके मार्च को रोक दिया।
  • मुख्य मांगें:
    • MSP की कानूनी गारंटी।
    • फसलों की खरीद में पारदर्शिता।
    • कृषि कानूनों के खिलाफ सुरक्षा।

26 जनवरी 2021: ट्रैक्टर मार्च का काला दिन

किसानों का 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला 2021 में हुए प्रदर्शन की याद दिलाता है।

  • प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के लाल किले पर पहुंचकर हंगामा किया था।
  • घटनाएं:
    • लाल किले की दीवारों पर चढ़कर धार्मिक झंडे फहराए गए।
    • हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।
  • इन घटनाओं ने आंदोलन की दिशा पर सवाल खड़े किए।

क्यों हो रहा है विरोध?

  • 2020 के तीन कृषि कानून:
    • सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए थे, जिनका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार लाना था।
    • किसानों को डर था कि ये कानून बड़े व्यापारिक समूहों को फायदा पहुंचाएंगे और उन्हें नुकसान होगा।
  • किसानों की आशंका:
    • कानूनों के लागू होने से फसल की कीमतें गिर सकती हैं।
    • छोटे किसान बड़े कॉरपोरेट्स के दबाव में आ सकते हैं।
  • सरकार का पक्ष:
    • सरकार का कहना था कि ये कानून कृषि क्षेत्र को सुधारने और आधुनिक बनाने के लिए जरूरी हैं।
    • लेकिन किसानों को लगा कि इनसे उनकी आर्थिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।

आने वाले ट्रैक्टर मार्च का उद्देश्य

  • किसानों का उद्देश्य:
    • सरकार पर दबाव बनाना ताकि उनकी मांगें जल्द पूरी हों।
    • MSP की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करना।
  • संदेश:
    • किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और उनका कहना है कि सरकार को संवेदनशीलता और तत्परता दिखानी होगी।

क्या होगा सरकार का अगला कदम?

  • किसानों का ट्रैक्टर मार्च 2024 के चुनावों से पहले एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
  • सरकार को इस स्थिति को संभालने के लिए संवाद और समाधान का रास्ता अपनाना होगा।