चंडीगढ़: किसानों के मुद्दों की अनदेखी, मानी गई मांगों को लागू न करने और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जाने से रोकने को लेकर किसान लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य में हालात ऐसे हो गए हैं कि किसान बीजेपी उम्मीदवारों को गांवों में घुसने नहीं दे रहे हैं. सिर्फ बीजेपी उम्मीदवारों का ही विरोध नहीं हो रहा है बल्कि आम आदमी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों का भी विरोध हो रहा है. वोट बैंक को देखते हुए कोई भी राजनीतिक दल किसानों का मुकाबला नहीं कर पा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत सभी दलों के नेता किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं.
किसानों के विरोध के कारण जहां उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ती जा रही है. फरीदकोट से बीजेपी उम्मीदवार हंस राज हंस, बठिंडा से बीजेपी उम्मीदवार परमपाल कौर, पटियाला से परनीत कौर, अमृतसर साहिब से तरणजीत सिंह संधू को किसान लगातार घेर रहे हैं. किसान लगातार बीजेपी उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोकने के लिए खलल डाल रहे हैं.
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया गया है. यहां तक कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए शंभू बैरियर पर भी आगे नहीं जाने दिया गया. हरियाणा पुलिस की गोली से किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई.
बठिंडा से आम आदमी उम्मीदवार और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया का भी किसान विरोध कर रहे हैं. इसी तरह भुच्चो मंडी के विधायक जगसीर सिंह द्वारा किसानों के खिलाफ की गई टिप्पणी का भी किसान विरोध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान किसानों के पक्ष में कहा कि आपने (केंद्र सरकार) किसानों को दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी. गांवों के मालिक किसान हैं और अब किसान आपको गांवों में घुसने नहीं देते. मुख्यमंत्री के इस बयान से किसानों को और ताकत मिली है.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेतृत्व में शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों का धरना आज चौथे दिन भी जारी है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब के किसानों और मतदाताओं से अपील की है कि वे वोटिंग से पहले लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत, मांगों पर अमल न करने और शुभकरण सिंह की मौत को ध्यान में रखें. पंधेर ने केंद्र सरकार के साथ-साथ आप सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ महीने पहले राज्य में बाढ़ के दौरान फसलों के नुकसान और यहां तक कि मुर्गियों के नुकसान की भरपाई करने का वादा किया था, लेकिन आप सरकार सुरक्षा देने में विफल रही है। किसानों को फसल का कोई मुआवजा नहीं दिया गया. पंढेर ने कहा कि कल अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कुल मिलाकर राज्य में प्रत्याशियों को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.