किसान विरोध: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की निरंकुशता से त्रस्त किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की निरंकुशता से त्रस्त किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. वहीं दूसरी ओर ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि इस समतर के चलते दिल्ली को सील किया जा रहा है.

खबरों के मुताबिक, किसान 2 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा से दिल्ली तक मार्च करेंगे. किसानों और सरकार के बीच करीब 3 घंटे तक चली बैठक में कोई फैसला नहीं निकलने के बाद किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला किया है.

किसानों की मांग है कि गोरखपुर में निर्माणाधीन हाईवे के लिए चार गुना मुआवजा दिया गया है, जबकि गौतमबुद्धनगर चार गुना मुआवजे के लाभ से वंचित है। इसके अलावा 10 साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है. नये कानून का लाभ जिले में लागू हो.

किसानों की मुख्य मांगों में 10 फीसदी विकसित जमीन, हाई लेवल कमेटी की सिफारिशें और नए भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ शामिल है. ये सभी निर्णय शासन स्तर पर होने हैं।

इस बीच पुलिस, जिलाधिकारी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में किसानों की कई अहम मांगें सामने आई हैं.

हालांकि, अधिकारियों ने किसानों की मांगें मानने से इनकार कर दिया और इसके बाद किसानों में गुस्सा है. किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करेंगे और अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनका आंदोलन तेज हो सकता है.

दूसरी ओर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि किसान नेता 6 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों शंभू और खनौरी बॉर्डर पर दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पंधेर ने कहा कि केंद्र ने अभी तक किसानों से उनके मुद्दों पर बात नहीं की है, जिसमें एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है।