कांग्रेस का चर्चित चेहरा आंजना विस चुनाव हारने के बाद अब लोकसभा चुनाव में सीपी जोशी को देंगे टक्कर

चित्तौड़गढ़, 12 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस ने लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए उदयलाल आंजना को प्रत्याशी बनाया है। यहां आंजना का सीधा मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी सीपी जोशी के साथ है। आंजना 1998 में भी चित्तौड़गढ़ के सांसद बने थे लेकिन 13 महीनों में ही लोकसभा भंग होने के कारण दोबारा चुनाव में उन्हें श्रीचंद्र कृपलानी से हार मिली थी। दिसंबर में ही विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। एक बार फिर उदयलाल आंजना पर पार्टी ने भरोसा किया और उन्हें लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।

लगभग 73 साल के उदयलाल आंजना कांग्रेस पार्टी से कद्दावर नेता रहे है। 36 साल पहले वे राजनीति से जुड़े थे। इस दौरान वे मंत्री, सांसद, विधायक, जिला परिषद सदस्य, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष, प्रधान भी बने। आंजना का जन्म पांच मई 1951 में चित्तौड़गढ़ जिले (वर्तमान में प्रतापगढ़) के छोटीसादड़ी तहसील के केसुंदा गांव में हुआ था। उन्होंने बीकॉम सैकेंड ईयर तक की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान साल 1972 में उन्होंने बिजनेस शुरू कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। आंजना ने 1988 में राजनीति में कदम रखा। पहली बार में ही वे छोटीसादड़ी पंचायत समिति से प्रधान बने। 1989 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी छोटीसादड़ी के अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के श्रीचंद्र कृपलानी को हराकर निंबाहेड़ा-छोटीसादड़ी विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद वे साल 1996 में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुने गए। साल 1998 में उन्हें पहली बार चित्तौड़गढ़ लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया। वे बीजेपी के कद्दावर नेता और तत्कालीन रक्षा मंत्री जसवंत सिंह को हराकर पहली बार सांसद बने। लेकिन सिर्फ 13 महीनों में लोकसभा भंग होने के कारण दोबारा चुनाव हुआ। जिसमें उन्हें बीजेपी के श्रीचंद्र कृपलानी ने हराया था।

आंजना का इसके बाद करियर ग्राफ बढ़ता गया। वे साल 2000 में जिला परिषद सदस्य, फिर से एक बार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और साल 2005 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद वे साल 2008 में फिर से विधायक बने। साल 2018 में भी विधायक के साथ साथ सहकारिता मंत्री बने। हाल ही में 28 फरवरी 2024 में उन्हें राजस्थान अनुशासन समिति का अध्यक्ष बनाया गया। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में निंबाहेड़ा विधानसभा से श्रीचंद कृपलानी ने उन्हें हरा दिया। कांग्रेस पार्टी की ओर से साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बाहरी प्रत्याशी गोपाल सिंह शेखावत को टिकट दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई थी। इस बार सभी कांग्रेस के नेताओं ने उदयलाल आंजना के नाम पर अपनी सहमति दी थी। सबका मानना था कि आंजना एक तो स्थानीय है और दूसरे गरीब और किसान वर्ग भी उनके करीब माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव में पेश किए गए एफिडेविट के अनुसार आंजना की गिनती अरबपतियों में होती है। उन्होंने सबसे पहले अपने बिजनेस की शुरुआत डोडाचूरा बिक्री से की थी। उसे समय डोडाचूरा बिक्री लीगल माना जाता था। आज के समय में आंजना का सोयाबीन तेल निकालने की फैक्ट्री, टोल टैक्स, माइनिंग का काम और रोड के कंस्ट्रक्शन का बिजनेस भी है।