फर्जी सिम संचालकों की खैर नहीं, एक्शन मोड में सरकार; एक गलती से जेल हो सकती

30 12 2024 543572.jfif

नई दिल्ली: साइबर ठगी के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम लोगों के लिए खुद को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) और दूरसंचार विभाग (DoT) ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में सरकार ने साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ नए कानून लागू करने की तैयारी की है।

सिम कार्ड के जरिए धोखाधड़ी पर सख्ती

अगर कोई व्यक्ति सिम कार्ड का उपयोग कर धोखाधड़ी करता है, तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। ब्लैकलिस्टेड होने के बाद वह व्यक्ति देश में कहीं भी नया सिम कार्ड नहीं खरीद सकेगा। यह कदम लोगों को फर्जी कॉल और एसएमएस से सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।

फर्जी आईडी पर सिम खरीदना होगा अपराध

सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी दूसरे की आईडी पर सिम कार्ड खरीदना नए नियमों के तहत गैरकानूनी होगा। ऐसा करने वालों को जेल की सजा हो सकती है। साथ ही, फर्जी कॉल या मैसेज भेजने वाले यूजर्स को भी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

संदिग्ध गतिविधियों पर कार्रवाई

अगर किसी व्यक्ति की आईडी पर संदिग्ध गतिविधियां पाई जाती हैं, तो उसे पहले सूचित किया जाएगा। इसके बाद सात दिनों के अंदर जवाब देने का समय दिया जाएगा। जवाब न देने या दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।

सरकार का उद्देश्य

दूरसंचार विभाग का लक्ष्य है कि देश में फर्जी कॉल और एसएमएस के जरिए होने वाली ठगी को रोका जाए। इन कड़े नियमों का उद्देश्य जनता को सुरक्षित माहौल प्रदान करना और जालसाजों पर नकेल कसना है।

इन नए नियमों के लागू होने से साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कमी आने की उम्मीद है और आम लोगों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।

ब्लैकलिस्ट का क्या मतलब है?

नए नियम लागू होने के बाद एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा. इसमें उन सभी लोगों के नाम होंगे जो फर्जी सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं या उनकी आईडी पर कोई गलत गतिविधि हो रही है। यह भी कहा गया है कि डेटाबेस को टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ साझा किया जाएगा। ऐसा करने से टेलीकॉम विभाग और कंपनियों के लिए फर्जी यूजर्स को पकड़ना आसान हो जाएगा। बता दें कि पहले इन नियमों के जल्द लागू होने की खबरें थीं, लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटर्स के अनुरोध पर इन्हें लागू करने की तारीख बढ़ा दी गई थी।