फर्जी पासपोर्ट मामला: तेरह गैंगस्टर का पासपोर्ट बनवा विदेश भागने में मदद कर चुका है राहुल

जयपुर, 2 अप्रैल (हि.स.)। नेपाल बार्डर से पकड़े गए फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले राहुल करीब एक दर्जन से ज्यादा गैंगस्टर के नकली दस्तावेज बनवा कर उन्हें विदेश भागने में मदद कर चुका है। हालांकि पूछताछ में आरोपित ने कहा कि अब तक उसने कितने लोगों के पासपोर्ट बनवाए है, यह उसे याद नहीं है। लेकिन कई नामी बदमाशों की जानकारी आरोपित ने पुलिस पूछताछ में बताई है। यहीं नहीं पुलिस आरोपित से आर्थिक अपराध सहित अन्य अपराधों में लिप्त बदमाशों कितने बदमाशों के फर्जी पासपोर्ट बनवाए है, को लेकर भी पूछताछ कर रही है।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध व एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दिनेश एमएन ने बताया कि लॉरेंस गिरोह के रोहित गोदारा सहित अन्य कई गैंगस्टर का फर्जी पासपोर्ट तैयार कर विदेश भेजने वाले मुख्य सरगना राहुल सरकार को उत्तराखंड से पकड़ने के बाद से लगातार पूछताछ जारी है। गैंगस्टर्स अपनी पहचान छुपाकर विदेश जाने के लिए जिस फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करते हैं वह फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से राहुल सरकार नामक व्यक्ति द्वारा उपलब्ध करवाये जाते है। पुलिस इस मामले में आरोपित के कार्यालय में मिले दस्तावेज की जांच कर रही है। राहुल सरकार को पीएचक्यू एजीटीएफ व बीकानेर पुलिस द्वारा उत्तराखंड नेपाल बॉर्डर से दस्तयाब किया गया।

दिनेश एमएन ने बताया कि नेपाल बॉर्डर से पकड़े गए राहुल सरकार ने लॉरेंस गैंग के सदस्यों सहित कितनों के पासपोर्ट बनवाए, उसे खुद को भी याद नहीं। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि वह फर्जी पासपोर्ट के लिए एक से दो लाख रुपये लेता था। अब पुलिस विदेश भाग चुके गैंगस्टर्स की फोटो दिखा कर पहचान करवा रही है। उत्तराखंड के रहने वाले राहुल ने 2015 में दिल्ली स्थित संगम विहार में एजेंट बनकर ऑफिस खोला था। कुछ समय बाद ही आरोपित ने एक युवती और उसके माता-पिता का फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। युवती दुबई पहुंची तो लॉरेंस गैंग के एक व्यक्ति के संपर्क में आई। युवती ने उसे राहुल के बारे में बताया। राहुल ने फरवरी 2022 में 1-1 लाख रुपये में अंकित जाखड़ और सुनील यादव के पासपोर्ट बनवाए। उसके बाद मार्च में लॉरेंस के भांजे सचिन थापण का पासपोर्ट डेढ़ लाख रुपये में बनवाया। फिर जून 2022 में 2 लाख रुपये में रोहित गोदारा का बनवाया गया। तत्काल सेवा में अप्लाई के दौरान अगर पुलिस वेरिफिकेशन 7 दिन में पूरा नहीं होता तो पासपोर्ट कार्यालय से उसे ऑटो वेरीफाई कर दिया जाता है। इसके बाद पासपोर्ट भी जारी हो जाता है। इसी का फायदा राहुल उठाता आ रहा था और फर्जी पासपोर्ट बनवा रहा था। अब पुलिस इस प्रक्रिया में जुड़े पुलिसकर्मी, डाकघर के कर्मचारी व पासपोर्ट सेवा से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका के संबंध में पूछताछ कर तस्दीक कर रही है। आरोपित राहुल ने दिल्ली के संगम विहार और आईटीओ दिल्ली पासपोर्ट कार्यालय से ही पासपोर्ट बनवाए हैं। आरोपित राहुल को बीकानेर पुलिस ने 10 दिन के लिए रिमांड पर ले रखा है। इनपुट के आधार पर अलग-अलग टीमें अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही हैं।