उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की पॉलिसी: एक साल की छूट का विस्तार

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 के तहत सरकार ने वाहनों पर छूट को एक वर्ष और विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया है। यह नीति उत्तर प्रदेश को नए ऊर्जा स्रोतों की ओर प्रवृत्त करने में मदद करेगी और साथ ही प्रदेशवासियों को भी इन्वोवेटिव वाहनों की ओर प्रवृत्त करेगी।

नीति की मंजूरी और छूट की विस्तारित अवधि

इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद, सरकार ने पहले ही जारी शासनादेश में 14 अक्टूबर 2022 से 13 अक्टूबर 2023 तक इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट दी थी। इसमें पहले दो लाख दो पहिया ईवी वाहनों पर पांच हजार रुपये और पहले 25 हजार चार पहिया ईवी वाहनों की खरीद पर एक-एक लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान किया गया था। इसी तरह, पहले एक हजार ई-गुड्स कैरियर की खरीद पर भी एक लाख रुपये प्रति वाहन की सीमा तक छूट की बात कही गई थी। इसमें प्रदेश में खरीदी गई शुरुआती 400 ईवी बसों की खरीद पर 20-20 लाख रुपये की सब्सिडी देने का भी निर्णय किया गया था।

कैबिनेट की समर्थन

यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में मिली समर्थन का श्रेय प्राप्त है। कैबिनेट ने 13 अक्टूबर 2022 को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 को मंजूरी दी थी, जिससे इस छूट की आम जनता को मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग से हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं और साथ ही ऊर्जा संकट का सामना भी कर सकते हैं। यह नीति न केवल ऊर्जा क्षेत्र में विकास को गति प्रदान करेगी, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

छूट का एक वर्षीय और विस्तार

इस नई नीति के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों की छूट को एक वर्ष और विस्तारित किया जा रहा है। इससे प्रदेश की जनता को एक और साल तक इन ऊर्जा संरचनाओं का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर छूट मिलेगी, बल्कि व्यापारिक उपयोग के लिए भी लोगों को इस छूट का लाभ उठाने का सुनहरा अवसर मिलेगा।

समापन

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल कार्यशीलता, विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस नई नीति के तहत छूट को एक साल और बढ़ाकर सरकार ने गरीबी को कम करने, ऊर्जा संकट को हल करने और प्रदूषण को कम करने के लक्ष्य को प्राथमिकता दी है।