पांच देशों व छह राज्यों के विशेषज्ञ जल जगार महोत्सव में शामिल हुए

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धमतरी, 5 अक्टूबर (हि.स.)। गंगरेल बांध किनारे आयोजित जल जगार कार्यक्रम के तहत आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन में पांच देश व छह राज्यों के विशेषज्ञों ने बरसाती पानी संचय करके भू जल संरक्षण के कई तरीके बताए। हिंदी, अंग्रेजी, महाराष्ट्र समेत कई भाषाओं में जानकारी दिए। जल सम्मेलन में चेन्नई, हैदराबाद, ओड़िशा, गुवाहाटी, मुंबई, उत्तर प्रदेश समेत श्रीलंका, नार्वे, नाइजीरियन, अमेरिका और जापान के विशेषज्ञ शामिल हुए।

गंगरेल बांध किनारे स्थित रिसार्ट में पांच अक्टूबर को दोपहर अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन में देश-विदेश के पर्यावरणविद् और जल संरक्षण के लिए काम कर विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी भाषा में अपने विचार रखे। महाराष्ट्र प्रदेश के एक ग्राम पंचायत के सरपंच पद्यश्री डा पोपटराव पवार ने अपने गांव में किए जल जगार पर अपना अनुभव साझा किया। प्रोजेक्टर के माध्यम से जल संरक्षण के लिए किए सभी गतिविधियों की चित्र व वीडियो दिखाकर जल संरक्षण कर भू जल संरक्षण करने के लिए सभी को प्रेरित किया। इसी तरह अन्य विशेषज्ञों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जल संरक्षण के लिए किए कार्याें और अपने अनुभव को प्रोजेक्टर के माध्यम से रखकर सभी लोगों को जल संरक्षण करने के लिए प्रेरित किया।

अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन में पद्यश्री प्राप्त तीन लोगों ने अपने विचार रखें। जिसमे पोपट राव पवार, श्याम सुंदर पालीवाल और उमाशंकर पाण्डेय शामिल है। वहीं भारत सरकार के अपर सचिव मनिंदर कौर द्विवेदी, अर्चना वर्मा भी शामिल हुए। साथ ही प्रो अमिताभ कुंडू, यूनिसेफ जापान, श्रीलंका और देश भर के जल और पर्यावरणविद् शामिल होकर जल संरक्षण के उपाय व अनुभव को सम्मेलन में साझा किया। जल सभा में गिरिजा के भरत ने भी व्याख्यान दिया। सम्मेलन में देश-विदेश से पहुंचे विशेषज्ञ उपस्थित थे।