20 की उम्र होते ही हर महिला को करवाना चाहिए ये 5 टेस्ट, गंभीर बीमारियों से बचने में मिलती है मदद

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जब हम 20 की उम्र में होते हैं, तो हम अक्सर अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं क्योंकि हमें लगता है कि हम युवा हैं और बीमारियाँ सिर्फ़ बड़ी उम्र के लोगों को होती हैं। हालाँकि, यह सोच गलत हो सकती है। 20 का दशक हमारे शरीर के लिए सबसे ज़्यादा सक्रिय और तेज़ी से बदलने वाला समय होता है। यह साल महिलाओं के लिए ख़ास तौर पर महत्वपूर्ण होता है।

ऐसे में इस दौरान स्वस्थ रहने के लिए नियमित जांच और टेस्ट करवाना बहुत जरूरी है। अगर आप समय पर ये टेस्ट करवाती हैं, तो आप आगे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से रोक सकती हैं। आइए जानते हैं 20 की उम्र में महिलाओं को कौन से 5 टेस्ट करवाने चाहिए, जो उनकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं-

बीएमआई टेस्ट

बॉडी मास इंडेक्स इस बात का अच्छा संकेतक है कि आप स्वस्थ हैं या नहीं। बीस साल की उम्र के बाद शरीर में हार्मोन में बदलाव तेजी से होने लगते हैं, इसलिए यह टेस्ट किसी भी बीमारी को शुरुआती दौर में पहचानने में काफी मददगार साबित होता है।

पैप स्मीयर टेस्ट

पैप स्मीयर टेस्ट के ज़रिए गर्भाशय कैंसर और HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) जैसी समस्याओं का पता लगाया जाता है। 20 साल की उम्र में, ख़ास तौर पर जो महिलाएं यौन रूप से सक्रिय हैं, उन्हें यह टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए। हर तीन साल में एक बार यह टेस्ट करवाना ज़रूरी है ताकि ओवेरियन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।

स्तन परीक्षण

20 की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर होना आम बात नहीं है, लेकिन भविष्य में इसका खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको किसी भी तरह के असामान्य लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा साल में एक बार डॉक्टर से ब्रेस्ट चेकअप भी करवाना चाहिए।

हेपेटाइटिस बी और सी टेस्ट

हेपेटाइटिस बी और सी लीवर से जुड़े वायरल संक्रमण हैं। इस टेस्ट से लीवर के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती है। अगर आप कभी संक्रमित खून के संपर्क में आए हैं या किसी और वजह से जोखिम में हैं, तो आपको यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। यह वायरस लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।

पीसीओडी या पीसीओएस टेस्ट

पीसीओडी और पीसीओएस आम हार्मोनल स्थितियां हैं जो कम उम्र से ही महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि सभी महिलाएं संकेतों और लक्षणों पर ध्यान दें और इसकी जांच करवाएं।