नई दिल्ली, 9 अगस्त (हि.स.)। देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि कानून का लाभ समाज के हर वर्ग और हर व्यक्ति को मिलना चाहिए। कानून का अंतिम उद्देश्य ही यही है। वे शुक्रवार को गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज (यूएसएलएलएस) द्वारा आयोजित कानून की पवित्रता और इसमें अवसर विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि कानून किसी भी सभ्य समाज की पहली आवश्यकता है। समाज में कानून कई मौलिक कारणों से आवश्यक है, जैसे कि व्यवस्था बनाए रखना, अधिकारों की रक्षा करना और न्याय को बढ़ावा देना इत्यादि। उन्होंने कहा कि कानून का अध्ययन छात्रों को नैतिकता से अवगत कराता है और उन्हें सही और गलत के ज्ञान से लैस करता है। यह छात्रों के लिए एक पथ प्रदान करता है जिससे वे समाजिक मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने वाले कानूनों के विकास में योगदान कर सकते हैं और उभरते हुए मुद्दों का सामना कर सकते हैं।
इस अवसर पर आईपी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महेश वर्मा ने ऐसी अकादमिक व्याख्यानों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने दैनिक जीवन में खुशी का पीछा कर रहे हैं। नए विचारों का अन्वेषण करने में आनंद लें। सीखने की पूरी यात्रा आनंदमय होनी चाहिए। पवित्रता के बिना कानून का अस्तित्व नहीं है। धर्म और धैर्य साथ-साथ चलते हैं। हमारी कानूनी प्रणाली में बहुत सारे परिवर्तन हो रहे हैं और हमें सुधारों के साथ तालमेल बैठाने की आवश्यकता है।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के कुलपति प्रो. डॉ जीएस बाजपेयी ने इस अवसर पर कहा कि ख़ुशी और आनंद की निर्भरता आर्थिक संपन्नता पर नहीं है। विपरीत परिस्थितियों में भी हमें अपना संबल और विश्वास नहीं खोना चाहिए।