महिलाओं और बच्चों के नरसंहार से यूरोपीय संघ सदमे में, 26 देशों ने की युद्धविराम की मांग

यूरोपीय संघ के 26 देशों ने गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग की है. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायली सेना गाजा पर लगातार हमले कर रही है. रफ़ा शहर पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए अब यूरोपीय संघ आगे आया है.

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने सोमवार को कहा कि हंगरी को छोड़कर यूरोपीय संघ के देशों ने गाजा पर हमलों में ‘मानवीय रोक’ का आह्वान किया था। बोरेल ने कहा है कि 26 सदस्य देशों के विदेश मंत्री एक बयान पर सहमत हुए हैं. इस बयान के आधार पर रफ़ा में युद्ध को तुरंत रोकने की मांग की गई है. इस विराम के बाद स्थायी युद्धविराम का रास्ता खुल जाएगा. इजराइल के सहयोगी हंगरी ने इस मांग से किनारा कर लिया है. हंगरी अक्सर इजराइल के समर्थन में बयान देता रहता है. इस बार भी यूनियन का बयान सामने आया है.

30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल-हमास युद्ध में 30 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास ने करीब 250 इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था. उनमें से लगभग 100 अभी भी हमास के कब्जे में हैं। हमास के रॉकेट हमलों के बाद इजराइल ने हमास के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रखा है. इस अभियान में फिलिस्तीन के नागरिक मारे जा रहे हैं. इन हालातों को देखते हुए अब यूरोपीय संघ आगे आया है. गठबंधन ने गाजा पर संघर्ष विराम की मांग की है.

भारत के विदेश मंत्री ने क्या कहा?

वहीं शनिवार को जर्मनी पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इजरायल-हमास युद्ध पर बात की. उन्होंने कहा कि इजराइल को गाजा में हो रही मौतों के बारे में पता होना चाहिए. विदेश मंत्री ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए रॉकेट हमले को ‘आतंकवाद’ करार दिया. इस दौरान अमेरिका और जर्मनी के विदेश मंत्री भी मौजूद रहे.

बच्चे और महिलाएं मर रहे हैं

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सैन्य अभियानों के दौरान ज्यादातर फिलिस्तीनी महिलाएं और बच्चे मारे जा रहे हैं। दूसरी ओर, इज़राइल का कहना है कि वह सैन्य अभियानों के दौरान फिलिस्तीनी नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रख रहा है।