प्रधानमंत्री मोदी यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में भारत कई मुद्दों पर अपने विचार डीईआर के समक्ष प्रस्तुत करेगा। जो यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध से संबंधित है। भारत यूक्रेन में सेना भेजने के यूरोपीय संघ के निर्णय से सहमत नहीं है। भारत ऐसे किसी भी प्रस्ताव का समर्थन नहीं करता है। इसके अलावा, भारत यूक्रेन में कोई शांति सेना नहीं भेजेगा। कहा जा रहा है कि मोदी डीएआर के समक्ष इन मामलों को स्पष्ट करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने एक खाका तैयार कर लिया है।
रूस के साथ शांति के बीच यूरोपीय संघ यूक्रेन में सेना भेजने की तैयारी कर रहा है। भारत ने यूक्रेन में अपने सैनिक न भेजने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मोदी यूरोपीय संघ के प्रमुख को यह बात स्पष्ट कर देंगे। यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। यूरोपीय संघ चाहता है कि भारत भी रूस के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, लेकिन कहा जा रहा है कि भारत यह स्पष्ट कर देगा कि हम ऐसे किसी प्रतिबंध के समर्थन में नहीं हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। उनके साथ यूरोपीय संघ के 22 उच्च-स्तरीय आयुक्त भी शामिल हैं। यह पहली बार है कि यूरोपीय संघ के आयुक्तों का पूरा कॉलेज भारत का दौरा कर रहा है। जो भारत-यूरोपीय संघ संबंधों में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।
रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
भारत और यूरोपीय संघ के बीच पिछले दो दशकों से रणनीतिक साझेदारी रही है। यह यात्रा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए भी महत्वपूर्ण है। जो मई 2023 में ब्रुसेल्स में पहली बैठक के बाद आयोजित किया जा रहा है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे अपने आयुक्तों के साथ दिल्ली आई हैं। यह संघर्ष और प्रतिस्पर्धा का समय है और ऐसे समय में भरोसेमंद मित्रों की जरूरत होती है। यूरोप के लिए भारत सिर्फ मित्र ही नहीं बल्कि रणनीतिक सहयोगी भी है। मैं इस साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करूंगा।