महाशिवरात्रि: महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ के विवाह का लोकाचार,बाबा की प्रतिमा को सेहरा लगाया

वाराणसी,08 मार्च (हि.स.)। महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा की वर-वधु के रूप में राजसी शृंगार किया गया। दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा को सेहरा लगाया गया। वहीं, माता गौरा मदुरै से मंगवायी गई खास लाल लहंगे में सजीं।

बाबा विश्वनाथ दरबार के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी के टेढीनीम स्थित आवास पर साढ़े तीन सौ वर्ष से भी अधिक समय से चली आ रही लोकपरंपरा निभाई गई। महंत के पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने दोपहर में मातृका पूजन की परंपरा का निर्वाह किया। पारंपरिक वैवाहिक गीतों की गूंज इस दौरान आवास में होती रही। इसके बाद करीब चार सौ साल पुराने स्फटिक के शिवलिंग को आंटे से चौक पूर कर पीतल की परात में रखा गया।

इसके उपरांत वैदिक ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के माध्यम से सभी देवी-देवताओं से शिव के विवाह में शामिल होने का आमंत्रण दिया। बाबा और गौरा की प्रतिमा की सायंकाल आरती की। इसके पहले सुबह ब्रह्ममुहूर्त में पं. वाचस्पति तिवारी ने सपत्नीक रुद्राभिषेक किया। दोपहर में फलाहर का भोग लगाया गया।

भोग आरती के बाद संजीवरत्न मिश्र ने बाबा एवं माता की चल प्रतिमा का राजसी शृंगार किया। सायंकाल श्रद्धालु महिलाओं ने मंगल गीत गाकर माहौल भक्तिमय कर दिया। रात्रि मे मंदिर में चारों प्रहर की विशेष आरती के विधान पूर्ण किए गए। डा. तिवारी ने बताया कि 20 मार्च को रंगभरी (अमला) एकादशी पर माता के गौना की रस्म निभाई जाएगी।