कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इलाज, पढ़ाई, शादी और घर खरीदने के लिए पैसे निकालने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इसके लिए स्वचालित दावा निपटान (ऑटो मोड सेटलमेंट) की सुविधा शुरू की गई है। तीन दिन के अंदर पैसा खाते में पहुंच जाएगा। अभी इस पैसे को खाते तक पहुंचने में 10 से 15 दिन का समय लगता था.
ईपीएफओ को आमतौर पर अग्रिम दावों का निपटान करने में कुछ समय लगता है। क्योंकि इस दौरान ईपीएफ सदस्य की पात्रता, दावे के लिए जमा किए गए दस्तावेज, केवाईसी स्थिति, बैंक खाता सत्यापन आदि की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में अधिकतर अमान्य दावे खारिज कर दिये जाते हैं। इस प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप अब पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
सदस्य एक लाख तक की निकासी कर सकेंगे और
इस प्रक्रिया में पारित राशि का दावा स्वत: तय हो जाएगा। केवाईसी, पात्रता और बैंक खाते का सत्यापन आईटी टूल के माध्यम से किया जाएगा। जिससे क्लेम सेटलमेंट की अवधि 10 दिन से घटकर 3-4 दिन रह जाएगी. एक सदस्य ऑटो मोड सेटलमेंट के जरिए एक लाख रुपये तक निकाल सकता है. पहले यह रकम 50,000 रुपये तक सीमित थी.
दावे खारिज नहीं होंगे
नई प्रक्रिया में अगर किसी दावे का निपटारा स्वत: नहीं होता है तो उसे वापस या खारिज नहीं किया जाएगा। दावे को जांच और अनुमोदन तथा निपटान के लिए अगले स्तर तक बढ़ाया जाएगा।
इस तरह आप
ऑटो मोड के तहत पीएफ खाते से पैसा निकाल सकते हैं, इसके लिए आपको ईपीएफओ के ई-सेवा पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। इसके लिए सदस्य को फॉर्म 31 ऑनलाइन भरकर जमा करना होगा।
पीएफ से पैसा निकालने पर कितना नुकसान
अगर आप 10 हजार निकालते हैं तो 20 साल बाद 50 हजार और 30 साल बाद 1 लाख 14 हजार रुपये का नुकसान होगा.
अगर आप अभी 20 हजार निकालेंगे तो 20 साल बाद 1 लाख 01 हजार और 30 साल बाद 2 लाख 28 हजार रुपये का नुकसान होगा.
अगर 50 हजार रुपये निकाले तो 20 साल बाद 2 लाख 53 हजार और 30 साल बाद 5 लाख 71 हजार रुपये का नुकसान होगा.
अगर आप अभी 1 लाख रुपये निकालते हैं तो 20 साल बाद घाटा बढ़कर 5 लाख 07 हजार रुपये और 30 साल में 11 लाख 43 हजार रुपये हो जाएगा.
अगर आप अभी 2 लाख रुपये निकालते हैं तो 20 साल में 10 लाख 15 हजार और 22 लाख 87 हजार का नुकसान होगा.