कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक बार फिर से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के लिए EPFO के बोर्ड ने 8.25% ब्याज दर तय की है।
इस फैसले का सीधा असर 7 करोड़ EPFO सब्सक्राइबर्स पर पड़ेगा।
पहले से ही इस बात की चर्चा थी कि EPFO बोर्ड ब्याज दरों को बरकरार रख सकता है।
EPFO बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला
EPFO से जुड़े सभी फैसले सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) द्वारा लिए जाते हैं।
शुक्रवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 2024-25 के लिए ब्याज दर 8.25% ही रहेगी।
अब इस फैसले को वित्त मंत्रालय के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
पिछले साल बढ़ाई गई थी ब्याज दर
2023-24 में EPFO ने ब्याज दर 8.15% से बढ़ाकर 8.25% कर दी थी।
2022-23 में यह दर 8.15% थी।
पिछले वर्षों में EPF की ब्याज दरें
वित्त वर्ष | ब्याज दर (%) |
---|---|
2018-19 | 8.65% |
2019-20 | 8.50% |
2020-21 | 8.50% |
2021-22 | 8.10% |
2022-23 | 8.15% |
2023-24 | 8.25% |
2015-16 में EPFO ने सबसे ज्यादा 8.8% ब्याज दिया था।
2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75% थी।
EPFO ने कितने क्लेम किए प्रोसेस?
2024-25 में EPFO ने 50.8 मिलियन क्लेम प्रोसेस किए, जिनकी कुल राशि ₹2.05 लाख करोड़ रही।
2023-24 में 44.5 मिलियन क्लेम प्रोसेस हुए थे, जिनकी कुल राशि ₹1.82 लाख करोड़ थी।
सालाना आधार पर क्लेम में बढ़ोतरी हुई है, जोकि सब्सक्राइबर्स के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
EPFO का यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
EPF अकाउंट होल्डर्स के लिए यह एक राहत की बात है कि ब्याज दर स्थिर बनी हुई है।
महंगाई के बढ़ते स्तर को देखते हुए EPF निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता रहेगा।
अब वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह फैसला आधिकारिक रूप से लागू होगा।
अब देखना होगा कि क्या आने वाले वर्षों में EPFO ब्याज दरों में कोई और बदलाव करता है या इसे स्थिर रखता है।