England Test Series : रवि शास्त्री की दो टूक मैनचेस्टर टेस्ट में पंत को सिर्फ़ बल्लेबाज़ न खिलाएं

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News India Live, Digital Desk: पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच और क्रिकेट पंडित रवि शास्त्री ने आगामी मैनचेस्टर टेस्ट में भारतीय टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत के रोल को लेकर एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। उनका स्पष्ट मानना है कि अगर ऋषभ पंत शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट हैं, तो उन्हें विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी ही निभानी चाहिए और उन्हें सिर्फ़ विशेषज्ञ बल्लेबाज़ के तौर पर टीम में शामिल नहीं करना चाहिए। शास्त्री ने इसे टीम के संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है।

शास्त्री के अनुसार, यदि पंत केवल एक बल्लेबाज़ के रूप में खेलते हैं और विकेटकीपिंग नहीं करते, तो इससे टीम का कॉम्बिनेशन बिगड़ जाएगा। ऐसे में सवाल उठेगा कि टीम में किस खिलाड़ी को बाहर बैठाया जाए – क्या किसी और बल्लेबाज़ को बाहर करेंगे, या पांचवें तेज़ गेंदबाज़ का विकल्प छोड़ देंगे? उनकी राय है कि टेस्ट क्रिकेट में टीम का सही संतुलन बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है, खासकर इंग्लैंड जैसे देशों में जहाँ तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण को मज़बूत रखना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

पूर्व कोच का मानना है कि ऋषभ पंत अपने विकेटकीपिंग कौशल और अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी दोनों से मैच विनर साबित होते हैं। उनका तर्क है कि अगर पंत फिट होने पर भी दस्ताने नहीं पहनते हैं, तो उनकी एक खास योग्यता और टीम के लिए उनका योगदान कहीं न कहीं कम हो जाता है। यदि टीम को किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज़ की ही ज़रूरत है, तो उनके पास सरफ़राज़ खान जैसे विकल्प मौजूद हैं, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है।

ज्ञात हो कि एक भयानक सड़क दुर्घटना के बाद ऋषभ पंत क्रिकेट के मैदान पर दमदार वापसी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने टी20 विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जहाँ उनकी बल्लेबाज़ी प्रभावशाली रही है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि टेस्ट क्रिकेट की कठिन परिस्थितियों में लगातार लंबे समय तक विकेटकीपिंग करने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं या नहीं, क्योंकि उन्होंने लंबे समय से इस फॉर्मेट में विकेटकीपिंग नहीं की है।

शास्त्री ने अपने बयान में जोर दिया कि अगर ऋषभ पंत टीम में हैं, तो उन्हें अपने पूर्ण रूप, यानी विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के तौर पर ही खेलना चाहिए, ताकि भारतीय टीम मैनचेस्टर टेस्ट और आगामी इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में सबसे मजबूत और संतुलित ग्यारह के साथ मैदान में उतर सके। यह फैसला टीम की रणनीति और मैच के परिणाम पर सीधा असर डालेगा।

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