मुंबई: स्कूलों और कॉलेजों के बाहर औसतन ‘ई-सिगरेट’ या ‘वेप’ की लत देखी जाती है। इसलिए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को परिसर में और उसके आसपास तंबाकू और तंबाकू से संबंधित पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने का सख्त आदेश जारी किया है।
यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेज प्राचार्यों को पत्र भेजकर परिसर में तंबाकू या तंबाकू से संबंधित पदार्थों के उपयोग और परिसर के बाहर ऐसे पदार्थों की बिक्री के खिलाफ सतर्कता बरतने के लिए कहा है। युवाओं में बढ़ती तंबाकू की लत चिंता का विषय है। अगर सुबह सात बजे का कॉलेज है तो साढ़े छह से सात बजे के आसपास छात्र ई-सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करते नजर आते हैं।
ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार, जो लोग 20 साल की उम्र से पहले धूम्रपान करते हैं, उनमें इसकी लत लगने की संभावना अधिक होती है। साथ ही तंबाकू और ई-सिगरेट की लत के कारण छात्रों की शारीरिक-मानसिक क्षमताएं भी प्रभावित होती हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि इसलिए यूजीसी नियमों का सख्ती से कार्यान्वयन शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी है।