जयपुर, 6 नवंबर (हि.स.)। विधि मंत्री जोगाराम ने कहा है कि सरकार द्वारा राज्य में एक भी व्यक्ति पर रोजगार का संकट नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा समय पर कार्रवाई ना करने के कारण आज डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट ऑथोरिटी (डीईआईएए) से स्वीकृति प्राप्त करीब 23 हजार खानों के समक्ष संकट उत्पन्न हुआ है पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं और राज्य सरकार को इसको लेकर गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट में भी एसएलपी दायर करनी पड़ी तो हम राजस्थान का पक्ष प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने के लिए बढ़िया से बढ़िया वकील की सेवाएं लेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस समस्या का संभावित सभी स्तरों से हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
जोगाराम ने कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकार सकारात्मक प्रयास करती तो आज यह नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आते ही इस मामले को प्रमुखता से लिया औैर स्टेट एनवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट ऑथोरिटी (एसईआईएए) में बहुत कम समय में ही आवेदन करवाने के बाद परिवेश पोर्टल पर 11553 फार्म-2 अपलोड करवाये जा चुके हैं।
मंत्री जोगाराम ने कहा कि हमारी सरकार की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि सरकार बनते ही हमनें प्रकरणों की अधिकता और लीजधारकों व क्वारी लाइसेंसधारकों के पुनर्मूल्यांकन कार्य की अधिकता को देखते हुए पहले से स्थापित दो स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी (एसईएसी) के अतिरक्त 11 जून, 2024 को अधिसूचित कर पृथक से जोधपुर और उदयपुर में एसईएसी स्थापित की गई। इससे कार्य में गति भी आई। चारों एसईएसी द्वारा निरंतर कार्य कर लगभग 6,500 प्रकरण परीक्षण कर प्रक्रिया में लाए गए हैं।
विधि मंत्री जोगाराम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को रोजगार की चिंता नहीं करनी चाहिए। हमारी सरकार ने रोजगार के नित नए अवसर उपलब्ध कराना शुरु कर दिया है। जिला स्तर से स्वीकृतियां प्राप्त खानों को राज्य स्तर से स्वीकृतियां प्राप्त करने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश आज या हमारी सरकार के आने के बाद के नहीं है। ये आदेश दिसम्बर-2022 में ही जारी हो गए थे। किन्तु पूर्ववर्ती सरकार ने एनजीटी के आदेश आने के बाद भी ना तो 23 हजार खानों की चिंता की और ना ही इनसे रोजगार पा रहे 15 लाख श्रमिकों के भविष्य की चिंता की। यहां तक कि पूर्ववर्ती सरकार ने इतने महत्वपूर्ण प्रकरण पर किसी तरह की कार्रवाई करना भी उचित नहीं समझा।
जोगाराम ने कहा कि नेता प्रतिप़क्ष को स्पष्ट हो जाना चाहिए कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में किसी प्रकार से रोजगार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरा प्रकरण राज्य सरकार के संज्ञान में होने के साथ ही राज्य सरकार गंभीर है और सभी संबंधित खान धारकों से भी आग्रह किया है कि वे पर्यावरण विभाग के पोर्टल परिवेश पर फार्म-2 भरकर 7 नवंबर तक आवश्यक रूप से अपलोड कर दें।