Sarkari Yojana: इमरजेंसी के दौरान जेल गए लोगों को मिलेगी ₹20,000 पेंशन

Monthly pension scheme for Emergency survivors

भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय मानी जाने वाली 1975-77 की इमरजेंसी के दौरान जेल की यातनाएं झेलने वाले लोगों के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। इस योजना के तहत, उन व्यक्तियों को 20,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी, जिन्हें इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद किया गया था।

यह सरकारी योजना न केवल उन लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए है, जिन्होंने उस कठिन समय में अपने अधिकारों और लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया, बल्कि उनके बलिदान को सम्मानित करने का भी एक प्रयास है। आइए, इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?

सरकार ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड तय किए हैं। केवल उन्हीं लोगों को इस योजना के तहत पेंशन मिलेगी, जिन्होंने इमरजेंसी के समय लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और जेल गए थे।

पात्रता:

  1. इमरजेंसी के दौरान जेल गए लोग:
    • वे लोग जिन्होंने 1975-77 के इमरजेंसी के समय लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्ष किया और जेल में समय बिताया।
  2. लोकतंत्र सेनानी:
    • ऐसे व्यक्ति जो इमरजेंसी के दौरान अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़े और सरकारी दमन का सामना किया।
  3. दस्तावेजी प्रमाण:
    • आवेदन करने वाले व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि वह इमरजेंसी के दौरान जेल में था या लोकतंत्र के लिए संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल था।
  4. आय सीमा:
    • इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी तरह की आय सीमा का जिक्र फिलहाल नहीं किया गया है।

क्या है इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता?

इस योजना के तहत, पात्र लोगों को 20,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। यह राशि जीवनभर के लिए दी जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी।

योजना की मुख्य विशेषताएं:

  • मासिक पेंशन: ₹20,000 प्रति माह
  • जीवनभर का लाभ: यह पेंशन उन व्यक्तियों को जीवनभर दी जाएगी।
  • परिवार को भी लाभ: यदि पात्र व्यक्ति का निधन हो जाता है, तो यह पेंशन उनके परिवार (जैसे पत्नी या पति) को भी मिल सकती है।

आवेदन प्रक्रिया: कहां और कैसे करें अप्लाई?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना आवश्यक है। आवेदन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है ताकि पात्र लोग इसका लाभ ले सकें।

ऑनलाइन आवेदन:

  1. सरकारी पोर्टल पर जाएं:
    संबंधित राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं।
  2. फॉर्म भरें:
    • व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, और मोबाइल नंबर भरें।
    • इमरजेंसी के दौरान जेल में बिताए गए समय के सबूत के साथ फॉर्म अपलोड करें।
  3. दस्तावेज जमा करें:
    • इमरजेंसी के दौरान जेल में रहने का प्रमाणपत्र
    • पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड)
    • बैंक खाता विवरण
  4. आवेदन जमा करें:
    • फॉर्म को सभी दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन जमा करें।
    • आवेदन की स्थिति का ट्रैक रखने के लिए एक पावती संख्या प्राप्त होगी।

ऑफलाइन आवेदन:

यदि ऑनलाइन आवेदन करने में कठिनाई हो, तो संबंधित जिले के सरकारी कार्यालय या तहसील कार्यालय में जाकर आवेदन किया जा सकता है।

दस्तावेजों की सूची: आवेदन के लिए क्या-क्या चाहिए?

आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:

  1. इमरजेंसी के दौरान जेल में रहने का प्रमाण (जैसे सरकारी रिकॉर्ड, प्रमाणपत्र)
  2. पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी, या पासपोर्ट)
  3. पते का प्रमाण
  4. बैंक खाता विवरण
  5. हाल की पासपोर्ट साइज फोटो

इस योजना का उद्देश्य और महत्व

यह योजना न केवल आर्थिक मदद के लिए है, बल्कि यह उन लोगों के संघर्ष को सम्मानित करने का एक प्रयास है जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ी।

लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान का प्रतीक:

  • 1975-77 के दौरान कई लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी।
  • यह योजना उनके संघर्ष और बलिदान की सराहना के लिए शुरू की गई है।

आर्थिक सुरक्षा:

  • वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • उन लोगों की मदद करना, जो अब किसी भी आय का स्रोत नहीं रखते।

किन राज्यों ने इस योजना को लागू किया है?

हालांकि यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है, लेकिन इसे लागू करने का जिम्मा राज्यों पर है। अब तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने इसे लागू किया है।

लोगों की प्रतिक्रिया

इस योजना को लेकर जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। खासतौर पर उन परिवारों में खुशी की लहर है, जिनके सदस्य इमरजेंसी के दौरान संघर्षरत थे।

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