एली कोहेन: इजरायल का महान जासूस, जिसने मोसाद को बनाया दुनिया का सबसे घातक खुफिया तंत्र

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एली कोहेन, इजरायल के महानतम जासूसों में से एक, जिन्होंने केवल 41 साल की उम्र में अपने साहसिक कारनामों से इतिहास रच दिया। उनकी गुप्त सूचनाओं ने 1967 के छह दिवसीय अरब युद्ध में इजरायल की जीत में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, सीरिया में गुप्तचरी करते हुए उनकी पहचान उजागर होने के बाद 1965 में उन्हें फांसी दे दी गई। आज 59 साल बाद भी, इजरायल उनके शव को वापस लाने के लिए प्रयासरत है।

सीरिया में कोहेन का मिशन

1962 में, एली कोहेन ने “कामेल अमीन थाबेट” नामक सीरियाई व्यवसायी का रूप धरकर सीरिया में घुसपैठ की। अपनी बुद्धिमत्ता और आकर्षक व्यक्तित्व के कारण, उन्होंने तीन साल के भीतर सीरिया के शीर्ष नेताओं का विश्वास जीत लिया। वह राजनीतिक और सैन्य अभिजात वर्ग के बीच इतना प्रभावी हो गए कि उनके सुझावों को सीरियाई सरकार के आदेशों के बराबर माना जाने लगा।

खुफिया जानकारी जिसने युद्ध का परिणाम बदला

कोहेन ने सीरिया के सैन्य ठिकानों, रणनीतियों, और योजनाओं की बारीक जानकारी इजरायल तक पहुंचाई। उनकी सूचनाओं के आधार पर इजरायल ने 1967 का अरब युद्ध महज 6 दिनों में जीत लिया। उनकी जानकारी ने इजरायल को सीरिया के गोलान हाइट्स क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सीरिया में फांसी और दफन का रहस्य

मई 1965 में, कोहेन की जासूसी गतिविधियां पकड़ी गईं और उन्हें सार्वजनिक रूप से दमिश्क के एक चौक पर फांसी दे दी गई। उनका शव सीरिया में दफन किया गया, लेकिन दशकों से उनकी कब्र का स्थान अज्ञात है। सीरियाई अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने शव को छिपाने के लिए कई बार स्थान बदला।

इजरायल के प्रयास और सीरिया की बाधाएं

इजरायल ने कई बार सीरियाई सरकार से कोहेन का शव लौटाने की अपील की है। हालांकि, हर बार सीरिया ने यह अनुरोध ठुकरा दिया। सीरिया ने यहां तक स्वीकार किया कि उसने इजरायल को भ्रमित करने के लिए शव को कई बार स्थानांतरित किया है।

एली कोहेन का जीवन और देशभक्ति

एली कोहेन का जन्म 1924 में मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में यहूदी परिवार में हुआ था। 1948 में इजरायल की स्थापना के बाद, उनका परिवार इजरायल में बस गया। 1957 में, कोहेन खुद भी इजरायल पहुंचे और अपनी देशभक्ति और प्रतिभा के कारण मोसाद में शामिल हुए। उन्होंने अरबी, स्पेनिश, और फ्रेंच भाषाओं में अपनी दक्षता का उपयोग कर खुफिया अभियानों को सफल बनाया।