हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को अब दिसंबर तक फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (एफएसए) देना होगा। 47 पैसे प्रति यूनिट एफएसए वसूल रहे बिजली निगमों ने वसूली अवधि छह महीने बढ़ा दी है। इससे पहले एक अप्रैल 2023 को आदेश जारी कर 30 जून 2024 तक एफएसएस लगाया गया था।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर दिसंबर तक मौजूदा एफएसए वसूला जाता रहेगा। एफएसए का मतलब वह राशि है जो बिजली वितरण कंपनियों द्वारा अल्पकालिक समझौतों के माध्यम से खरीदी गई अतिरिक्त बिजली पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए की जाती है।
उपभोक्ताओं को हर महीने 100 रुपये अधिक देने होंगे
एफएसए जारी रखने से उपभोक्ताओं को हर महीने करीब 100 रुपये ज्यादा देने होंगे। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर बिल 200 यूनिट का आता है तो हर यूनिट पर 47 पैसे जुड़ेंगे। यानी एफएसए के बिल में करीब 94 रुपये जुड़ेंगे। अगर बिल इससे ज्यादा आता है तो आपको उसी हिसाब से भुगतान करना होगा। अगर आप दो महीने में बिल भरते हैं तो आपको कुल 400 यूनिट के लिए 188 रुपये देने होंगे।
गरीबों को नहीं देना होगा न्यूनतम मासिक शुल्क
राज्य सरकार ने गरीब बिजली उपभोक्ताओं को भी राहत दी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दो किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन की श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को 115 रुपये का न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) नहीं देना होगा। यानी जितनी बिजली वे उपभोग करेंगे, उतना ही पैसा देना होगा। इसका लाभ प्रदेश के साढ़े नौ लाख गरीब परिवारों को मिला है।