बिजली बिल भुगतान नियम: बिजली बिल से विलंब शुल्क अधिभार (डीपीएस) हटाया जाएगा। इसके लिए बिजली कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर की है। आयोग का फैसला आते ही बिजली बिल से डीपीएस हटा दिया जाएगा। हालांकि डीपीएस हटाने का फैसला सिर्फ स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर ही लागू होगा। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार विनियामक आयोग द्वारा पिछले वर्षों में दिए गए निर्णय के अनुसार उपभोक्ताओं से डेढ़ (1.50) प्रतिशत डीपीएस वसूला जाता है। यह राशि तब वसूली जाती है, जब कोई बिजली उपभोक्ता कंपनी द्वारा निर्धारित तिथि तक बिजली बिल का भुगतान नहीं करता है।
बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर यह राशि हर महीने बढ़ती रहती है। बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद से उपभोक्ता स्मार्ट मीटर में एडवांस राशि जमा करते हैं। इसलिए समय पर बिल भुगतान का नियम अब महत्वहीन हो गया है। लेकिन कंपनी द्वारा वसूले जा रहे डीपीएस को हटाने का नियम कानूनी तौर पर हटाया जाना जरूरी है। इसलिए बिजली कंपनी ने सप्लाई कोड में संशोधन के लिए नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की है। आयोग की ओर से इस पर सुनवाई चल रही है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
कंपनी एडवांस जमा पर ब्याज दे रही है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ता अगर एडवांस राशि जमा कर रहे हैं तो उन्हें बैंक से ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं को अपने खाते में न्यूनतम 2000 रुपये का बैलेंस रखना होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर में तीन महीने तक हर दिन 2000 रुपये का मिनिमम बैलेंस रखने पर 6.75 फीसदी ब्याज मिल रहा है। तीन से छह महीने तक लगातार 2000 रुपये से ज्यादा का बैलेंस रखने पर उपभोक्ताओं को ब्याज दर पर 0.25 फीसदी अतिरिक्त ब्याज दिया जा रहा है।