हिसार, 7 मई (हि.स.)। लोकसभा आम चुनाव के तहत चुनाव रैलियों के लिए राजनीतिक पार्टियों व प्रत्याशियों को चुनाव आयोग से स्कूल एवं कॉलेजों के खेल के मैदान का उपयोग करने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी प्रदीप दहिया ने मंगलवार को बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा और चुनाव प्रचार के दौरान उच्च मानदंडों का बनाए रखना होगा।
उन्होंने कहा कि संविधान के तहत भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है, परंतु आदर्श चुनाव आचार संहिता का उद्देश्य इसके विभिन्न प्रावधानों के तहत निहित है। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक का चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग नहीं होगा और न ही इनमें भाषण, पोस्टर, संगीत, चुनाव से संबंधित सामग्री का उपयोग नहीं होगा। भारत चुनाव आयोग की ओर से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी करने के लिए पार्टियों के हिसाब से एक रजिस्टर लगाना अनिवार्य होगा। रजिस्टर में उम्मीदवार, प्रचारक तथा राजनीतिक पार्टी का नाम दर्ज करना होगा और एक उल्लंघन की तिथि, कार्यवाही, निर्वाचन कार्यालय या चुनाव आयोग द्वारा पारित आदेशों के संक्षिप्त टिप्पणी दर्ज करनी होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से संपन्न करवाने को लेकर समय-समय पर नए-नए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों से आह्वान है कि वे चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों की पालना करना सुनिश्चित करें। आदर्श चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।