ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। इस दिन पैगंबर मुहम्मद के जीवन, शिक्षाओं और उनके द्वारा दिए गए संदेश को याद किया जाता है। इसे ईद उल मिलादुन्नबी के नाम से भी जाना जाता है।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी क्यों मनाया जाता है?
इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान के अनुसार, ईद-ए-मिलाद पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
- यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के रबी-उल-अव्वल महीने के 12वें दिन मनाया जाता है।
- इस दिन को शिया और सुन्नी मुसलमान अलग-अलग तिथियों पर मनाते हैं:
- सुन्नी समुदाय: 12वें दिन।
- शिया समुदाय: 17वें दिन।
- यह दिन मुसलमानों के लिए खुशी और शोक दोनों का प्रतीक है।
- इसी तारीख को पैगंबर मुहम्मद का इंतकाल भी हुआ था।
2025 में कब है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी?
इस्लामिक कैलेंडर की गणना के अनुसार, ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार हर साल बदलता है।
- 2025 में:
- यह पर्व 4-5 सितंबर को मनाया जाएगा।
भारत और पाकिस्तान में सार्वजनिक अवकाश
- भारत और पाकिस्तान में इस दिन सरकारी अवकाश रहता है।
- बंद रहने वाले स्थान:
- सरकारी कार्यालय, बैंक, डाकघर।
- स्कूल, कॉलेज, और अन्य शिक्षण संस्थान।
- मुस्लिम समुदाय इस दिन को शांति और उत्साह के साथ मनाने के लिए समय निकाल सकता है।
ईद-ए-मिलाद के दिन कैसे मनाते हैं पैगंबर मुहम्मद को याद?
- नमाज अदा करना:
- लोग मस्जिद जाकर विशेष नमाज अदा करते हैं।
- पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं को याद किया जाता है।
- घर सजाना:
- लोग अपने घरों को सजाते हैं और रोशनी करते हैं।
- गरीबों की मदद:
- जरूरतमंदों को खाना और अन्य सहायता प्रदान की जाती है।
- धार्मिक कहानियां सुनाना:
- पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं और कहानियों को आपस में साझा किया जाता है।
- कविता और निबंध:
- इस दिन धार्मिक विद्वान पैगंबर मुहम्मद की महानता और उनके कार्यों पर कविताएं और निबंध लिखते हैं।