झारखंड में शिक्षण व्यवस्था बदहाली की कगार पर : याज्ञवल्क्य शुक्ल

रांची, 19 फरवरी (हि. स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी ) की ओर से सोमवार को राजभवन के समक्ष राज्य में व्याप्त शैक्षणिक कुव्यवस्था के खिलाफ एक दिवसीय छात्र हुंकार धरना का आयोजन किया गया। मौके पर एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि छात्र हुंकार धरना छात्रों के रोजगार के लिए है। छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए है, ताकि आने वाली पीढ़ी हमसे यह सवाल ना करें कि जब झारखंड में लूट मची थी, तो हम कहां थे। कई विश्वविद्यालय है, जहां स्थायी कुलसचिव नहीं है। बहुत से डिग्री कॉलेजों में स्थाई प्राचार्य नहीं है, एक प्राचार्य को कई महाविद्यालय का जिम्मा दे दिया जाता है। आखिर शिक्षा प्राप्त कर और शिक्षा से वंचित होकर आज बेरोजगारी के कारण युवा इधर-उधर भटक रहे हैं। झारखंड सरकार ने वादे तो बहुत किए थे लेकिन वादे को पूरा करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने का काम किया है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार कर छात्रों का भविष्य अधर में लटकाने का भी प्रयास पूरे धड़ल्ले से इस झारखंड में किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था बदहाली की कगार पर है। राज भवन एवं साथ ही राज्य सरकार से भी यह पूछना चाहता हूं कि ऐसी क्या मजबूरी है कि कुलपति नियुक्तियों को बीच में ही रोक दी गई। राजभवन को इसे लेकर एक श्वेत पत्र जारी करके आम छात्रों को स्पष्टीकरण देनी चाहिए कि कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया को बीच में ही क्यों रोक दिया गया। छात्र संघ चुनाव न कराना , सीनेट , सिंडिकेट को बहाल न करना यहां के सत्ताधारी लोगों की नियत पर भी कहीं ना कहीं सवालिया निशान खड़ा करता है। झारखंड में एक नई लूट की प्रणाली देखने को नजर आ रही है। अगर समय रहते आउटसोर्स को नहीं बाहर किया गया, तो यह पूरे शिक्षण व्यवस्था को निगल जाएगा।