Education Standards : UGC ने घोषित किए 54 डिफ़ॉल्टर विश्वविद्यालय, जानें पूरी लिस्ट और क्यों डरना है ज़रूरी
News India Live, Digital Desk: Education Standards : शिक्षा और करियर से जुड़ी हर जानकारी हमारे लिए कितनी अहम होती है, है ना? ख़ासकर जब बात यूनिवर्सिटी की मान्यता की हो. हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक ऐसा कदम उठाया है जिस पर छात्रों को ख़ास ध्यान देना चाहिए. यूजीसी ने देश की 54 निजी यूनिवर्सिटीज़ को 'डिफ़ॉल्टर' घोषित किया है, जिसका मतलब है कि इन विश्वविद्यालयों ने कुछ ज़रूरी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में मध्य प्रदेश की यूनिवर्सिटीज़ सबसे आगे हैं.
'डिफ़ॉल्टर यूनिवर्सिटी' क्या होती है और ये क्यों चिंता का विषय है?
'डिफ़ॉल्टर यूनिवर्सिटी' उन संस्थानों को कहा जाता है जिन्होंने यूजीसी द्वारा तय किए गए अनिवार्य नियमों और सूचनाओं को आयोग को नहीं भेजा है. जैसे कि अपनी वेबसाइट पर पूरी जानकारी साझा न करना या कुछ ख़ास नियमों का पालन न करना.
छात्रों के लिए यह इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि ऐसे विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है. अगर कोई विश्वविद्यालय यूजीसी के मानदंडों का पालन नहीं करता है, तो वहां से प्राप्त डिग्री की मान्यता पर सवाल उठ सकता है, जिससे बाद में नौकरी या आगे की पढ़ाई में परेशानी आ सकती है.
मध्य प्रदेश सबसे आगे क्यों?
यूजीसी द्वारा जारी की गई सूची में, मध्य प्रदेश में 10 ऐसी यूनिवर्सिटीज़ हैं जिन्हें डिफ़ॉल्टर घोषित किया गया है. इसके बाद गुजरात में आठ, सिक्किम में पांच और उत्तराखंड में चार विश्वविद्यालय शामिल हैं. यूजीसी ने कई बार इन यूनिवर्सिटीज़ को ईमेल और ऑनलाइन बैठकों के ज़रिए ज़रूरी जानकारी जमा करने और उसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की याद दिलाई थी, लेकिन कई ने इसका पालन नहीं किया.
यूजीसी के सचिव मनीष जोशी के अनुसार, संस्थानों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक लिंक के साथ पूरी जानकारी अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे ताकि छात्र और आम जनता उस तक आसानी से पहुंच सकें. ऐसा न करने पर ही उन्हें डिफ़ॉल्टर घोषित किया गया है. यूजीसी ने सभी संबंधित विश्वविद्यालयों से जल्द से जल्द ज़रूरी सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है और चेतावनी भी दी है कि ऐसा न करने पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है.
छात्रों के लिए सलाह:
किसी भी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले छात्रों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. यह जांचना बहुत ज़रूरी है कि क्या वह विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त है और क्या वह सभी नियमों का पालन कर रहा है. अपनी शिक्षा और करियर के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह एक अहम कदम है.
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