बीबीएमपी दफ्तरों पर ईडी की छापेमारी: सिविक प्रोजेक्ट्स में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बेंगलुरु की नगर निगम, बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी), के कई दफ्तरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सिविक प्रोजेक्ट्स में कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के तहत की गई।

छापेमारी का दायरा और जांच का कारण

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बीबीएमपी के छह अलग-अलग कार्यालयों पर छापेमारी की। जांच का केंद्र बिंदु बोरवेल ड्रिलिंग, स्टॉर्मवॉटर ड्रेन की मरम्मत और आरओ प्लांट की स्थापना जैसे सिविक प्रोजेक्ट्स में कथित वित्तीय गड़बड़ियां हैं।

मंगलवार सुबह 11 बजे ईडी के सात अधिकारी बीबीएमपी मुख्यालय पहुंचे और दस्तावेजों तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच शुरू की। इस दौरान बड़ी संख्या में फाइलें और डेटा जब्त किए गए।

अनियमितताओं और आरोपों की पड़ताल

ईडी ने इन परियोजनाओं में अनियमितताओं से संबंधित कई पुलिस शिकायतों को जोड़कर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है। अधिकारियों को संदेह है कि इन परियोजनाओं के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय हेरफेर किया गया है।

बीबीएमपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापेमारी में एक वरिष्ठ इंजीनियर को विशेष रूप से जांच के दायरे में लिया गया है। ईडी ने उनके कार्यकाल से जुड़ी सिविक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की फाइलों को खंगालते हुए सबूत जुटाए हैं।

बीबीएमपी: विवाद और आरोपों का केंद्र

बीबीएमपी, बेंगलुरु की सबसे बड़ी और सबसे धनी नगर निकायों में से एक है। हालांकि, हाल के वर्षों में इसके कार्यों को लेकर विवाद और अनियमितताओं के आरोप बार-बार सामने आए हैं। सिविक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, जैसे सड़कों की मरम्मत, जल निकासी सिस्टम और अन्य कार्यों में कथित भ्रष्टाचार के मामले पहले भी उजागर हो चुके हैं।

ईडी की कार्रवाई का महत्व

यह छापेमारी बीबीएमपी के संचालन में पारदर्शिता की कमी और वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर जांच में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के ठोस सबूत मिलते हैं, तो यह बीबीएमपी की छवि और बेंगलुरु के सिविक इंफ्रास्ट्रक्चर के भविष्य पर बड़ा असर डाल सकता है।