चुनावी बॉन्ड: टॉप-30 में से 14 कंपनियों पर ED या IT का छापा, जानें कितने रुपये के बॉन्ड खरीदे और राजनीतिक दलों को दिया चंदा

SBI चुनावी बांड डेटा: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए चुनावी बांड के विवरण में, यह पता चला है कि कई कंपनियां हैं जिन्होंने करोड़ों रुपये के चुनावी बांड खरीदे हैं, जिन पर ईडी और आय कर की कार्रवाई हो चुकी है. इनमें से कुछ कंपनियों पर 2019 में ईडी ने छापेमारी भी की थी और इस दौरान उन्होंने 5 वर्षों में अलग-अलग मात्रा में चुनावी बांड खरीदे हैं। इसमें 1300 करोड़ से अधिक के सबसे महंगे चुनावी बांड खरीदार फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी सूची में 22 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा दिया है. 2019 से 2024 के बीच सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली 30 कंपनियों में से 14 पर पहले ही छापेमारी हो चुकी है. आइए जानते हैं चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले दानदाताओं की लिस्ट में वो कौन सी कंपनियां हैं जिन पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापेमारी की है…….

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के पास भी चुनावी बॉन्ड खरीदने की लंबी लिस्ट है. कंपनी ने 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं. 12 अप्रैल 2019 से कंपनी ने चुनावी बॉन्ड खरीदना शुरू किया और एक ही दिन में 1 करोड़ रुपये के कई बॉन्ड खरीदे. 2019 से 12 अक्टूबर 2023 तक कंपनी ने कई चुनावी बॉन्ड खरीदे. साल 2019 में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर अक्टूबर 2019 में आयकर विभाग ने छापा मारा था. इस ऑपरेशन में हैदराबाद और अन्य जगहों पर कंपनी से जुड़े कई दफ्तरों पर छापेमारी की गई. इस कंपनी के मालिक तेलुगु बिजनेसमैन कृष्णा रेड्डी हैं।

हल्दिया इंजीनियरिंग लिमिटेड

हल्दिया इंजीनियरिंग लिमिटेड ने चुनावी बांड के जरिए 377 करोड़ रुपये का चंदा दिया. कंपनी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो की कार्रवाई की गई। कंपनी पर यह कार्रवाई साल 2020 में की गई थी.

वेदांता लिमिटेड

2022 में ईडी ने वेदांता ग्रुप की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड पर छापा मारा था. ये छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई. चुनाव आयोग की ओर से भेजी गई सूची में बताया गया कि कंपनी ने 400 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे हैं.

यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने चुनावी बांड के जरिए एक राजनीतिक दल को 162 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। कंपनी पर पहले भी इनकम टैक्स का छापा पड़ चुका है. छापेमारी साल 2020 में की गई और कंपनी ने 2021 में चुनावी बांड खरीदे.

डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड

डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड पर 2019 में भूमि आवंटन अनियमितताओं के लिए सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किया गया था। बाद में 2023 में ईडी ने कंपनी के गुरुग्राम स्थित दफ्तरों पर भी छापा मारा. यह छापेमारी रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक से जुड़े एक मामले की जांच के दौरान की गई। कंपनी ने 130 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे.