भूकंप से फिर कांपी अफगानिस्तान की धरती, लोगों में डर का माहौल

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील अफगानिस्तान की धरती एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिल गई है. यहां भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 थी. भूकंप का केंद्र जमीन से 146 किलोमीटर नीचे था. हालांकि, अफगानिस्तान में आए भूकंप का असर पाकिस्तान में भी महसूस किया गया.पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. फिलहाल नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन भूकंप की तीव्रता को देखते हुए व्यापक नुकसान की आशंका है।

अफगानिस्तान में हाल के दिनों में लगातार भूकंप आ रहे हैं। इससे पहले पिछले महीने 21 फरवरी को सुबह 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भूकंप आया तो लोग अपने घरों में सो रहे थे. जाग रहे कुछ लोगों को झटके महसूस हुए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई 10 किमी दर्ज की गई. 24 घंटे में यह दूसरा भूकंप था. इससे पहले अफगानिस्तान के फैजाबाद में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था.

अफगानिस्तान में भूकंप ने तबाही मचा दी

आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में आए घातक भूकंप में 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और हजारों आवासीय घर ढह गए थे. 6.3 तीव्रता के भूकंप और इसके शक्तिशाली झटकों से हेरात और आसपास के इलाके हिल गए।

प्लेटों के टकराने से भूकंप आते हैं

पृथ्वी मुख्य रूप से चार परतों से बनी है, जिन्हें आंतरिक कोर, बाहरी कोर, मेंटल और क्रस्ट कहा जाता है। भूपर्पटी और ऊपरी मेंटल को स्थलमंडल कहा जाता है। ये 50 किलोमीटर मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टेक्टोनिक प्लेटें अपनी जगह से हिलती, घूमती और खिसकती हैं। ये प्लेटें आमतौर पर प्रति वर्ष लगभग 4-5 मिमी अपनी स्थिति से हटती हैं। वे अपनी स्थिति से क्षैतिज और लंबवत दोनों तरह से आगे बढ़ सकते हैं। इस क्रम में कभी एक प्लेट दूसरी प्लेट के करीब चली जाती है तो कभी दूर चली जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेटें आपस में टकरा जाती हैं। ऐसे हालात में ही भूकंप आते हैं और धरती कांपती है. ये प्लेटें सतह से लगभग 30-50 किमी नीचे हैं।