कनाडा की राजनीति में भूचाल, पीएम ट्रूडो दे सकते हैं इस्तीफा

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कनाडा की राजनीति से बड़ी खबर सामने आ रही है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जल्द ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने इस संबंध में घोषणा की है. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रूडो बुधवार को राष्ट्रीय कॉकस बैठक से पहले लिबरल पार्टी के नेता के रूप में अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

जानकारी के मुताबिक, लिबरल पार्टी की कॉकस बैठक में ट्रूडो को पार्टी नेता पद से हटाया जा सकता है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वह (ट्रूडो) तुरंत पद से इस्तीफा देंगे या नया नेता चुने जाने तक पद पर बने रहेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रूडो ने वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक से चर्चा की कि क्या उन्हें पद पर बने रहना चाहिए।

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन पर दबाव काफी बढ़ गया था. ट्रंप लगातार उन पर निशाना साध रहे थे. ट्रंप की जीत के तुरंत बाद एलन मस्क ने भी कहा कि ट्रूडो की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

कनाडा पीएम का इस्तीफा!: पीएम जस्टिन ट्रूडो आज दे सकते हैं रेजिग्नेशन, जानें  क्या है इसके पीछे की वजह? | canada pm justin trudeau resignation canada  news international news

आपको बता दें कि फिलहाल कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं। कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में 338 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 170 है. कुछ महीने पहले ट्रूडो सरकार की साझीदार न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. एनडीपी कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की पार्टी है।

ऐसे में गठबंधन टूटने से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई. हालाँकि, 1 अक्टूबर को बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को दूसरी पार्टी का समर्थन प्राप्त हुआ, जिससे ट्रूडो फ्लोर टेस्ट में पास हो गए।

कुछ दिन पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मतभेद के चलते डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी इस्तीफा दे दिया था. उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद से ट्रूडो का विरोध तेज हो गया है। क्रिस्टिया ने उस दिन इस्तीफा दे दिया जिस दिन उन्हें बजट पेश करना था। उनके इस्तीफे के बाद अब कैबिनेट भी ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव बना रही है.

वहीं, ट्रंप के टैरिफ प्लान ने भी ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह कनाडा और मैक्सिको से अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे क्योंकि इन देशों से बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासी अमेरिकी सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. इन देशों से अमेरिका में भी बड़े पैमाने पर ड्रग्स की सप्लाई हो रही है.

माना जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ हमले को लेकर क्रिस्टिया और ट्रूडो के बीच मतभेद थे. अब जब जनवरी में ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं तो ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अगर ट्रंप टैरिफ बढ़ाते हैं तो ट्रूडो पर राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है.

 

2015 में पदभार संभालने वाले जस्टिन ट्रूडो को शुरुआत में एक उदारवादी और प्रगतिशील नेता के रूप में देखा जाता था। उनकी छवि युवाओं और अल्पसंख्यकों के बीच लोकप्रिय थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनकी नीतियों और फैसलों ने ट्रूडो को कनाडा के अंदर और बाहर सबसे खराब राजनेताओं की सूची में डाल दिया है। हाल ही में जस्टिन ट्रूडो अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने गए थे, तब ट्रंप ने उन्हें गवर्नर कहकर संबोधित किया था. ट्रूडो ने अपने शासन के दौरान भारत-कनाडा संबंधों को सबसे खराब स्थिति में पहुंचा दिया। ट्रूडो की भारत विरोधी राजनीति ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग कर दिया। भारत जैसे प्रमुख व्यापारिक और राजनयिक साझेदार के साथ खराब रिश्ते कनाडा के लिए घाटे का सौदा साबित हुए।