भोपाल, 3 जून (हि.स)। राजधानी भोपाल के बावड़िया कला स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ई.एम.आर.एस.) में सोमवार को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित ईएमआरएस के बोर्ड परीक्षा परिणामों की समीक्षा सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, धार, गुना और नर्मदापुरम जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के 61 प्राचार्य व शिक्षक शामिल हुए। कार्यशाला में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य डॉ. ई. रमेश कुमार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।
प्रमुख सचिव डॉ. कुमार ने कहा कि बीते 2-3 दशकों में जनजातीय विद्यार्थियों के संदर्भ में शिक्षा का परिदृश्य बदला है। पहले जहां विद्यालयों में इनका नामांकन चुनौती हुआ करता था, अब उनका उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करना लक्ष्य होना चाहिए। इसमें प्राचार्य की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है कि वह अपने भौतिक और मानव संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए विद्यार्थियों के अच्छे परिणाम प्राप्त करे। अकादमिक के साथ खेल व अन्य सह अकादमिक गतिविधियों में सह भागिता से विद्यार्थियों का व्यक्तित्व विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं भी 6वीं से 12वीं तक इसी तरह के हॉस्टल में पढ़ा हूं और आज मैं जो कुछ भी हूं उसका श्रेय उन्हीं शिक्षकों को जाता है। इसके लिए मैं उन्हें आज भी याद करता हूं। विद्यार्थी का जीवन सुधारना और बनाना ही प्राचार्य व शिक्षक का कर्तव्य है।
जनजातीय कार्य विभाग की उप सचिव मीनाक्षी सिंह ने कहा कि जनजातीय विद्यार्थियों के संबंध में प्राचार्य व शिक्षकों का दायित्व दोगुना हो जाता है। जनजातीय पालक अपेक्षाकृत कम जागरुक होते हैं। आवासीय विद्यालयों में प्राचार्य व शिक्षक ही उनके अभिभावकों की तरह होते हैं। मैं स्वयं भी एक जनजातीय विद्यालय से पढ़ी हूं और आज जो भी हूं उसमें उस विद्यालय की बड़ी भूमिका है।
परिणाम समीक्षा के बाद पिरामल फाउंडेशन के द्वारा ‘पर्सनल लीडरशिप एंड मोटिवेशनल’ विषय पर कार्यशाला के दौरान स्वॉट एनालिसिस और विभिन्न समूह गतिविधियों के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जनजातीय कार्य विभाग की अपर संचालक सीमा सोनी ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, सीएम राइज विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर एवं आदर्श आवासीय विद्यालय के बोर्ड परीक्षा परिणामों की विभिन्न समीक्षा सह कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर सहायक संचालक जनजातीय कार्य अनूप हिरवे एवं ज्ञानोदय विद्यालय भोपाल के प्राचार्य नीरज अब्राहम भी उपस्थित रहे।