अयोध्या स्थित राम मंदिर में नए पुजारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। इस बार पुजारियों के लिए कई सख्त नियमों को लागू किया गया है ताकि पूजा और अनुष्ठानों की पवित्रता बरकरार रहे। ड्यूटी का संचालन दो पालियों में किया जाएगा, और हर पुजारी को इन नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।
दो पालियों में ड्यूटी का प्रबंधन
नए पुजारियों को सात-सात के समूह में बांटा गया है। ये समूह दो पालियों में अपनी सेवा देंगे:
- प्रथम पाली:
- समय: सुबह 4 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक।
- इस पाली की शुरुआत भगवान के उत्थान से होगी और राजभोग आरती तक जारी रहेगी।
- दूसरी पाली:
- समय: दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:30 बजे और फिर शाम 6:30 बजे से रात 10:30 बजे तक।
- इस दौरान विभिन्न पूजन-अर्चन की जिम्मेदारी पुजारियों की होगी।
हनुमान मंदिर और कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव मंदिर के पूजन के लिए भी पुजारियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है।
गर्भगृह के लिए विशेष नियम
गर्भगृह में सेवा देने वाले पुजारियों के लिए खास नियम बनाए गए हैं:
- गर्भगृह में पुजारी की आवाजाही सीमित:
- जो पुजारी गर्भगृह में रहेगा, वह बाहर नहीं जा सकेगा।
- बाहर की ड्यूटी करने वाला पुजारी गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
- स्पर्श की मनाही:
- किसी बाहरी व्यक्ति को स्पर्श करने पर पुजारी को बिना स्नान गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
- पुजारी चंदन-टीका या माला पहनाने जैसे कार्य नहीं कर सकेंगे ताकि बाहरी स्पर्श से बचा जा सके।
- मोबाइल फोन पर प्रतिबंध:
- गर्भगृह में मोबाइल फोन के प्रयोग पर सख्त रोक है।
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुजारियों को अपने मोबाइल फोन रखने के लिए अलग व्यवस्था की जा रही है।
- जल्द ही एंड्रॉइड फोन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
- शौचादि के बाद अनिवार्य स्नान:
- शौच जाने के बाद पुजारियों को स्नान करना अनिवार्य होगा, अन्यथा गर्भगृह में प्रवेश वर्जित रहेगा।
ड्यूटी में बदलाव का नियम
पुजारियों की ड्यूटी हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के आधार पर बदली जाएगी।
- कृष्ण पक्ष: प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ड्यूटी चलेगी।
- शुक्ल पक्ष: प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक की ड्यूटी होगी।
इस व्यवस्था से पूजा का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा और सभी पुजारी अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा सकेंगे।
अनुष्ठानों के लिए विशेष जिम्मेदारी
राम मंदिर में होने वाले विभिन्न अनुष्ठानों की भी जिम्मेदारी पुजारियों को दी गई है। इन अनुष्ठानों में:
- दैनिक पूजन: भगवान राम की दैनिक पूजा और आरती।
- विशेष अनुष्ठान: रामनवमी, हनुमान जयंती, और अन्य पर्वों के दौरान विशेष पूजा-अर्चना।
- अन्य मंदिरों की सेवा: हनुमान मंदिर और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर के पूजन-अर्चन की अलग से ड्यूटी तय की गई है।
सख्त नियमों का पालन अनिवार्य
राम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि नए पुजारियों की ड्यूटी सोमवार से लागू कर दी गई है। इन नियमों का पालन न करने पर पुजारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।
- मोबाइल प्रतिबंध:
- गर्भगृह में मोबाइल फोन के प्रयोग पर सख्त रोक।
- मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था।
- ड्रेस कोड:
- पुजारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा ताकि अनुशासन और एकरूपता बनी रहे।
- स्वच्छता नियम:
- बाहरी व्यक्ति के स्पर्श के बाद अनिवार्य स्नान।
- शौचादि के बाद भी स्नान करके ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति।
भविष्य में सख्त कार्रवाई की संभावना
मंदिर प्रशासन जल्द ही नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई कर सकता है। पुजारियों को इन नियमों का पालन हर हाल में करना होगा ताकि मंदिर की पवित्रता और भक्तों की आस्था पर कोई आंच न आए।